वृक्षारोपण जन आंदोलन-2022 के तहत 35 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया जिसमें 05 जुलाई को वृहद स्तर पर वन महोत्सव समारोह का आयोजन कर 25 करोड़ से अधिक पौधरोपण किया गया। इसी प्रकार 06 जुलाई को वृक्षारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न स्थलों पर 2.5 करोड़ से अधिक तथा 07 जुलाई को 2.5 करोड़ से अधिक पौधो का रोपण किया गया। इस प्रकार अबतक लगभग 30 करोड़ पौधरोपण किया जा चुका है। आगामी 15 अगस्त को आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रत्येक ग्राम पंचायत तथा शहरी निकाय में ‘‘अमृत वन‘‘ की स्थापना करने हेतु 05 करोड़ पौधो का रोपण किया जायेगा।
उक्त वक्तव्य प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) श्री अरूण कुमार सक्सेना ने सरकार के 100 दिन पूर्ण होने के उपलक्ष्य में लोकभवन स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस-कांफेंस में दिए। इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रत्येक जनपद में महिलाओं के नेतृत्व में तथा उनके सक्रिय सहयोग से शक्ति वन की स्थापना की गयी है जिसमंे गणमान्य/विशिष्ट महिला अतिथि तथा व्यापक स्तर पर आमंत्रित महिलाओं के सहयोग से वृक्षारोपण कराया गया है। प्रदेश में विभिन्न स्थलों पर खाद्य वन विकसित किये गये है जिसके अन्तर्गत मुख्यतः फल प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया है। 13 जनपदों में नगर वन की स्थापना की जा रही है जिसके अन्तर्गत नगर क्षेत्र के नजदीक स्थानयी प्रजातियों का रोपण के साथ-साथ स्थानीय निवासियों हेतु आवश्यक सुविधाएं विकसित किया जा रहा है। वृक्षारोपण के दौरान प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में बाल वन तथा उच्च शिक्षा/प्राविधिक शिक्षा के संस्थानों में युवा वन की स्थापना की गयी है।
श्री सक्सेना ने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर उत्तर प्रदेश के प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय में 15 अगस्त 2022 को जन सहभागिता के माध्यम से अमृत वन की स्थापना की जा रही है। प्रत्येक ग्राम पंचायत/नगर पंचायत में 75 तथा प्रत्येक म्यूनिसिपल बोर्ड/म्यूनिसिपल कार्पोरेशन में 750 अथवा 75 स्थानीय प्रजातियों के पौधों का रोपण किया जायेगा। अमृत वन की स्थापना में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद तथा देशज पौधे पीपल, पाकड़, नीम, बेल, आंवला, आम, कटहल, सहजन, आदि के रोपण को वरीयता दी जा रही है।
वन मंत्री ने बताया कि महामहिम राज्यपाल द्वारा 05 जुुलाई 2022 को जनपद लखनऊ में वृक्षारोपण जन आन्दोलन कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुये त्रिशक्ति (नीम, आम एवं कदम्ब) का रोपण किया गया। मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 05 जुलाई 2022 को जनपद चित्रकूट में वृक्षारोपण जन आन्दोलन कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुये हरिशंकरी (पाकड़, बरगद एवं पीपल) का रोपण किया गया। मा0 उप मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक जी द्वारा दिनांक 05 जुलाई 2022 को जनपद प्रयागराज में वृक्षारोपण कार्यक्रम में हरिशकरी (पाकड़, बरगद एवं पीपल) का रोपण किया गया। राज्य में किये जा रहे वृक्षारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय में जनसहभागिता के माध्यम से पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा कराये गये समस्त वृक्षारोपणों को जियो टैगिंग से चिन्ह्ति किया गया तथा अन्य विभागों द्वारा कराये जा रहे वृक्षारोपणों को भी जियो टैग करवाया जा रहा है। जियो टैगिंग के उद्देश्य से हरितिमा मोबाईल एप का विकास किया गया। इस मोबाईल एप का विकास वन विभाग द्वारा स्वयं किया गया है। इस एप के माध्यम से अन्य विभागों द्वारा 25ः साईट की जियो टैगिंग की जा चुकी है। इस प्रकार इस वर्ष वृक्षारोपण हेतु पारदर्शिता लाने के लिये अथक प्रयास किये गये हैं।
श्री सक्सेना ने प्रेस वार्ता में बताया कि 35 करोड पौधारोपण से स्थापित होने वाले वृक्षों द्वारा वर्ष 2030 तक लगभग 18.55 मिलियन टन कार्बन का अवशोषण होगा। शहीद अशफाक उल्ला खॉं प्राणि उद्यान, गोरखपुर में सफेद बाघ लाया जाना केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली से अनुमति प्राप्त कर कार्यवाही पूर्ण की गयी। प्रदेश में 04 रेस्क्यू सेन्टर का शिलान्यास-मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा जनपद महराजगंज, पीलीभीत, मेरठ एवं चित्रकूट में निर्मित होने वाले 04 रेस्क्यू सेन्टर का दिनांक 10 जून 2022 को शिलान्यास किया गया। दुधवा, कतर्नियाघाट हेतु रेलवे विस्टाडोम का संचालन-रेलवे विस्टाडोम का संचालन प्रारम्भ हो चुका है। 22 मई को जैवविविधता दिवस पर राज्य स्तरीय संगोष्ठी-अन्तर्राष्ट्रीय जैवविविधता दिवस के अवसर पर आई0वी0आर0आई0, बरेली में ‘‘समस्त जीवन के लिये साझा भविष्य का निर्माण ;ठनपसकपदह ं ैींतमक थ्नजनतम वित ।सस स्पमिद्ध विषय पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
वन मंत्री ने बताया कि वाराणसी, विन्ध्य एवं ब्रजभूमि ईको टूरिज्म सर्किट के प्रचार-प्रसार एवं विकास वाराणसी, विन्ध्य एवं ब्रजभूमि ईको टूरिज्म सर्किट के प्रचार-प्रसार एवं विकास का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके अन्तर्गत नेचर गाईड का प्रशिक्षण, साईकिल ट्रैक, टेªकिंग रूट का चिन्हिकरण, जीप सफारी हेतु आवश्यक व्यवस्था, पर्यटकों के रात्रि विश्राम के लिये विश्राम गृह एवं डारमेट्री की व्यवस्था, स्टेकहोल्डर्स की बैठक एवं अन्य विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कार्य पूर्ण कर लिये गये है।
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