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इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) एवं संघटक महाविद्यालयों में परास्नातक (पीजी) एवं अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। शुक्रवार रात 12 बजे तक विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 70,388 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराए और इनमें से 35,811 अभ्यर्थियों ने शुल्क जमा करते हुए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी की। पीजी में सर्वाधिक आवेदन राजनीति विज्ञान विषय में प्रवेश के लिए आए हैं।
बीते वर्ष की अपेक्षा इस बार आवेदनों की संख्या बढ़ी है। पिछली बार तकरीबन 30 हजार आवेदन आए थे जबकि इस बार पांच हजार अतिरिक्त आवेदन आए हैं। इविवि एवं संघटक कॉलेजों में पीजी में 53 विषयों की 9,544 सीटों पर प्रवेश लिए जाने हैं। इन सभी विषयों में प्रवेश के लिए कुल 25,553 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। इनमें राजनीति विज्ञान विषय की 522 सीटों के लिए सर्वाधिक 1,854 आवेदन आए हैं।
दूसरे नंबर पर हिंदी विषय की 863 सीटों के लिए 1563 अभ्यर्थियों जबकि भूगोल विषय की 307 सीटों के लिए 1279 अभ्यर्थियों ने दावेदारी की है। सिविल सेवा परीक्षा में वैकल्पिक विषय के रूप में राजनीति विज्ञान और भूगोल चुनने वाले अभ्यर्थियों की संख्या काफी अधिक होती है। जानकारों का मानना है कि इन विषयों में प्रवेश के लिए अधिक आवेदन आने की यही प्रमुख वजह है।
एलएलबी की एक सीट पर आठ, एलएलएम में 15 दावेदार
इविवि, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज और सीएमपी डिग्री कॉलेज में एलएलबी की 375-375 सीटें हैं। एलएलबी की कुल 1125 सीटों में प्रवेश के लिए 9147 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। यानी एलएलबी की एक सीट पर आठ दावेदार हैं। वहीं, एलएलएम की एक सीट पर 15 अभ्यर्थियों ने दावा किया है। इविवि, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज और सीएमपी डिग्री कॉलेज में एलएलएम की 190 सीटों में दाखिले के लिए 2788 आवेदन आए हैं।
आईपीएस के पाठ्यक्रमों के लिए सबसे कम आवेदन
इविवि में इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (आईपीएस) के तहत संचालित पाठ्यक्रमों के लिए भी आवेदन मांगे गए थे। लेकिन, आईपीएस की ओर से संचालित एक दर्जन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए महज 1111 आवेदन ही आए हैं।
एमबीए-एमबीएआरडी में एक सीट पर 11 दावेदार
– इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में एमबीए की 58 और जीबी पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान में एमएबीएआरडी की 58 सीटों में प्रवेश लिए जाने हैं। दोनों पाठ्यक्रमों की कुल 116 सीटों के लिए 1269 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं यानी एक सीट पर 11 दावेदार हैं।
बीएड में प्रवेश के लिए सर्वाधिक स्पर्धा
अन्य पाठ्यक्रमों की अपेक्षा इविवि में बीएड में प्रवेश के लिए स्पर्धा सबसे अधिक है। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए एक सीट पर 17 दावेदार हैं। बीएड की 188 सीटों पर प्रवेश के लिए 3140 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। वहीं, एमएड की 63 सीटों के लिए 700 अभ्यर्थियों ने दावेदारी की है।
दो विषयों में कोई आवेदव नहीं
दो विषयों में एक भी आवेदन नहीं आया। एमएससी इन मैटीरियल साइंस के लिए 10 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराए थे, लेकिन किसी ने भी आवेदन की प्रक्रिया पूरी नहीं की। एमपीए (वोकल, सितार, तबला) के तहत सिर्फ दो अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराए, लेकिन दोनों ने ही आवेदन नहीं किए। ऐसे में इन विषयों की प्रवेश परीक्षा नहीं हो सकेगी।
प्रवेश परीक्षाएं चार अगस्त से कराने की तैयारी
इविवि प्रशासन चार अगस्त से प्रवेश परीक्षाएं कराने की तैयारी कर रहा है। पीजी प्रवेश के चेयरमैन प्रो.प्रशांत घोष का कहना है कि परीक्षा केंद्रों के निर्धारण का काम शुरू कर दिया गया है। चार अगस्त से पाठ्यक्रमवार प्रवेश परीक्षा शुरू कराने की तैयारी है। जल्द ही प्रवेश परीक्षाओं की तारीखें घोषित कर दी जाएंगी।
विस्तार
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) एवं संघटक महाविद्यालयों में परास्नातक (पीजी) एवं अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। शुक्रवार रात 12 बजे तक विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 70,388 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराए और इनमें से 35,811 अभ्यर्थियों ने शुल्क जमा करते हुए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी की। पीजी में सर्वाधिक आवेदन राजनीति विज्ञान विषय में प्रवेश के लिए आए हैं।
बीते वर्ष की अपेक्षा इस बार आवेदनों की संख्या बढ़ी है। पिछली बार तकरीबन 30 हजार आवेदन आए थे जबकि इस बार पांच हजार अतिरिक्त आवेदन आए हैं। इविवि एवं संघटक कॉलेजों में पीजी में 53 विषयों की 9,544 सीटों पर प्रवेश लिए जाने हैं। इन सभी विषयों में प्रवेश के लिए कुल 25,553 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। इनमें राजनीति विज्ञान विषय की 522 सीटों के लिए सर्वाधिक 1,854 आवेदन आए हैं।
दूसरे नंबर पर हिंदी विषय की 863 सीटों के लिए 1563 अभ्यर्थियों जबकि भूगोल विषय की 307 सीटों के लिए 1279 अभ्यर्थियों ने दावेदारी की है। सिविल सेवा परीक्षा में वैकल्पिक विषय के रूप में राजनीति विज्ञान और भूगोल चुनने वाले अभ्यर्थियों की संख्या काफी अधिक होती है। जानकारों का मानना है कि इन विषयों में प्रवेश के लिए अधिक आवेदन आने की यही प्रमुख वजह है।
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