Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

वैल्यू एडीशन कर कम लागत में अधिक से अधिक आय अर्जित करने के साधन तैयार किए जाएं

प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने निर्देश दिए कि समस्त कृषि विज्ञान केन्द्र (के.वी.के.) किसानों की लागत कम करने और उनकी आमदनी बढ़ाये जाने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र अपने क्षेत्र के किसानों के साथ संवाद बनाये रखें और उन्हें कृषि की आधुनिक तकनीकि, कृषि यंत्रों तथा उन्नत बीज की जानकारी उपलब्ध कराएं। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्रों से सीड प्रोडक्शन प्लान को भी आगे बढ़ाये जाने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय एवं के.वी.के. जायद की फसलों का भी उत्पादन सुनिश्चित कराये।
श्री शाही आज कृषि निदेशालय स्थित सभागार में कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर व मेरठ तथा शुआट्स प्रयागराज के अधीन जनपदों में संचालित के.वी.के. के कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मा. प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप कृषि विज्ञान केन्द्र अपने क्षेत्र में किसानों को गौ-आधारित प्रकृतिक खेती के प्रति भी जागरूक करें और उन्हें इनके लाभ व इससे होने वाली आय वृद्धि के बारे में बताएं। उन्होंने कहा कि किसानों को इन्टीग्रेटेड फार्मिंग के साथ-साथ इण्टर क्रॉपिंग एवं बहुफसली के लिए भी प्रेरित किया जाए।
कृषि मंत्री ने समस्त के.वी.के. के पास उपलब्ध भूमि उनके द्वारा कराये जा रहे कार्यों एवं उनके रिवाल्विंग फण्ड के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा कराये जा रहे सीड प्रोडक्शन की समीक्षा करते हुए इसे और बढ़ाये जाने के निर्देश दिए। उनके द्वारा के.वी.के. पर इंस्ट्रूमेन्टस व मशीनों की उपलब्धता एवं आवश्यकता की भी जानकारी ली गयी। उन्होंने अधिक से अधिक प्रदर्शन  एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करते हुए महिला कृषकों को भी प्रशिक्षित किए जाने के निर्देश दिए।
श्री शाही ने कहा कि समस्त कृषि विज्ञान केन्द्र अपने यहाँ हाईटेक नर्सरी की स्थापना करें और उन्नत किस्म के पौध तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराये। किसानों को बागवानी का प्रशिक्षण दिया जाए और उत्पादों में वैल्यू एडीशन कर कम लागत में अधिक से अधिक आय अर्जित करने के साधन तैयार किए जाएं।
समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव, डॉ देवेश चतुर्वेदी, अध्यक्ष उपकार, कै. विकास गुप्ता, महानिदेशक उपकार, श्री संजय सिंह एवं निदेशक कृषि, विवेक सिंह सहित कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा के0वी0के0 के अधिकारीगण उपस्थित थे।