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श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण: पक्षकारों का दावा सुनने योग्य है या नहीं, कोर्ट में सात जुलाई को होगी सुनवाई

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श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह प्रकरण में पक्षकार एडवोकेट महेंद्र प्रताप और राजेंद्र माहेश्वरी के दावे के स्थायित्व के बिंदु पर अदालत पहले सुनवाई करेगी। इसके लिए सात जुलाई की तारीख तय की है। इसके बाद अदालत शाही ईदगाह के कोर्ट कमीशन के मुद्दे पर सुनवाई करेगी। बता दें कि पक्षकारों ने अदालत से पहले कोर्ट कमीशन के मुद्दे पर सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन शाही ईदगाह पक्ष के विरोध के बाद अदालत अब दावा सुनने योग्य है या नहीं, इस पर सुनवाई करेगी।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष पक्षकार एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह व अन्य पक्षकार एडवोकेट राजेंद्र माहेश्वरी आदि अदालत से लगातार ईदगाह का कोर्ट कमीशन सर्वे कराने की मांग कर रहे हैं। उनको आशंका है कि विपक्षी वहां पर साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। उनकी इस मांग पर मई माह में अदालत ने एक जुलाई की तारीख तय की तो पक्षकार राजेंद्र माहेश्वरी रिवीजन में जिला जज की अदालत गए। वहां से रिवीजन की सुनवाई एडीजे सप्तम संजय चौधरी ने की।

शाही ईदगाह पक्ष ने किया विरोध 

अदालत ने रिवीजन पर सिविल जज सीनियर डिवीजन को आदेशित किया कि वह नियम के मुताबिक सुनवाई करें। इसको लेकर सोमवार को वादी अदालत पहुंचे तो अदालत से कोर्ट कमीशन के मुद्दे पर दोनों पक्षों को सुनने के लिए कहा गया। इसका वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह पक्ष के अधिवक्ता जीपी निगम व अन्य ने विरोध किया। बताया कि अदालत को नियमानुसर पहले दावे के स्थायित्व के मुद्दे को सुनना चाहिए। इस संबंध में अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग भी अदालत के समक्ष रखी। इसके बाद अदालत ने सात जुलाई को दावे के स्थायित्व के मुद्दे पर सुनवाई की तारीख तय की है।

शाही ईदगाह के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद ने बताया कि सात जुलाई को दावे के स्थायित्व के मुद्दे पर अदालत में सुनवाई होगी। पक्षकार एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह और एडवोकेट राजेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि वह सात जुलाई को इस दावे के स्थायित्व के मुद्दे पर बहस को तैयार हैं। इस दौरान अदालत में प्रतिवादी श्रीकृष्ण जन्मस्थान के अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल व विशेष कार्य अधिकारी विजय बहादुर सिंह भी मौजूद रहे।

नारायणी सेना ने प्रतिवादियों को दिए दावे के कागजात
नारायणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव ने शाही ईदगाह के कोर्ट कमीशन सर्वे के लिए डाले गए दावे में मंगलवार को सभी पक्षों को कागजात दे दिए गए। अदालत में अब इसको लेकर 16 जुलाई को सुनवाई की जाएगी। मनीष यादव के प्रार्थना पत्र पर हाईकोर्ट ने सभी वादों को चार माह के अंदर निस्तारण के आदेश दिए हैं। उन्होंने मई 2022 के आदेश प्रस्तुत किए हैं।

मनीष यादव ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर न केवल दावा किया है बल्कि उस जमीन पर मौजूद शाही ईदगाह को हटाने की मांग भी की है। अदालत से ईदगाह के कोर्ट कमीशन सर्वे की मांग की है। मंगलवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई हुई। 

सुनवाई के दौरान शाही ईदगाह के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद, सुन्नी वक्फ बोर्ड के पदाधिकारी, श्री कृष्ण जन्मस्थान व श्रीकृष्ण स्थान ट्रस्ट के वादी भी हाजिर हुए। वादी मनीष यादव ने बताया कि उन्होंने सभी प्रतिवादियों को कागजात दे दिए हैं। उन्हें उम्मीद है कि 16 जुलाई को कोर्ट कमीशन के मुद्दे पर सुनवाई होगी।

पक्षकार बनाने के लिए आए दो प्रार्थनापत्र
मनीष यादव के वाद व महेंद्र प्रताप सिंह-राजेंद्र माहेश्वरी के वाद में स्वयं को पक्षकार बनाये जाने के लिए दो लोगों ने अदालत में प्रार्थनापत्र सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत को दिए हैं। रेवाड़ी निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आरडी सोमाणी के बेटे विजय सोमाणी ने अदालत में प्रार्थनापत्र देकर स्वयं को पक्षकार बनाये जाने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। 

उन्होंने बताया कि यह प्रार्थनापत्र करीब एक वर्ष पूर्व दिया था लेकिन कोरोना के कारण चल रही न्यायिक प्रक्रिया में उनके प्रार्थना पत्र पर संज्ञान नहीं लिया गया। मनीष यादव के मामले में पक्षकार बनाए जाने के लिए प्रमोद कुमार जादौन ने प्रार्थना पत्र दिया है। प्रमोद ने कहा है कि वह भगवान श्री कृष्ण के असली वंशज हैं, इसलिए उन्हें पक्षकार होने का अधिकार है।  

विस्तार

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह प्रकरण में पक्षकार एडवोकेट महेंद्र प्रताप और राजेंद्र माहेश्वरी के दावे के स्थायित्व के बिंदु पर अदालत पहले सुनवाई करेगी। इसके लिए सात जुलाई की तारीख तय की है। इसके बाद अदालत शाही ईदगाह के कोर्ट कमीशन के मुद्दे पर सुनवाई करेगी। बता दें कि पक्षकारों ने अदालत से पहले कोर्ट कमीशन के मुद्दे पर सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन शाही ईदगाह पक्ष के विरोध के बाद अदालत अब दावा सुनने योग्य है या नहीं, इस पर सुनवाई करेगी।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष पक्षकार एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह व अन्य पक्षकार एडवोकेट राजेंद्र माहेश्वरी आदि अदालत से लगातार ईदगाह का कोर्ट कमीशन सर्वे कराने की मांग कर रहे हैं। उनको आशंका है कि विपक्षी वहां पर साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। उनकी इस मांग पर मई माह में अदालत ने एक जुलाई की तारीख तय की तो पक्षकार राजेंद्र माहेश्वरी रिवीजन में जिला जज की अदालत गए। वहां से रिवीजन की सुनवाई एडीजे सप्तम संजय चौधरी ने की।

शाही ईदगाह पक्ष ने किया विरोध 

अदालत ने रिवीजन पर सिविल जज सीनियर डिवीजन को आदेशित किया कि वह नियम के मुताबिक सुनवाई करें। इसको लेकर सोमवार को वादी अदालत पहुंचे तो अदालत से कोर्ट कमीशन के मुद्दे पर दोनों पक्षों को सुनने के लिए कहा गया। इसका वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह पक्ष के अधिवक्ता जीपी निगम व अन्य ने विरोध किया। बताया कि अदालत को नियमानुसर पहले दावे के स्थायित्व के मुद्दे को सुनना चाहिए। इस संबंध में अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग भी अदालत के समक्ष रखी। इसके बाद अदालत ने सात जुलाई को दावे के स्थायित्व के मुद्दे पर सुनवाई की तारीख तय की है।