उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की ओर से लिखे गए पत्र में बताया गया है कि लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जनपदों में स्थित बड़े अस्पतालों, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की अत्यंत आवश्यकता है वहां से बड़ी संख्या में डॉक्टरों को हटा तो दिया गया है लेकिन उनके स्थान पर प्रतिस्थानी की नियुक्तियां नहीं की गयी हैं।
पत्र के अनुसार, लखनऊ प्रदेश की राजधानी है यहां वैसे भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की पहले से ही कमी है तथा प्रदेश के हर जनपद से गंभीर मरीजों को लखनऊ के लिए रेफर किया जाता है, ताकि उनका समुचित इलाज संभव हो सके। ऐसे में इतने महत्त्वपूर्ण व बड़े अस्पतालों तथा अन्य जनपदों के बड़े अस्पतालों से इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों का स्थानातरण कर देने व उनके स्थान पर किसी को तैनात न करने के फलस्वरूप चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या किया जा रहा है इसका भी पूरा विवरण डिप्टी सीएम की ओर से मांगा गया है।
वहीं उपमुख्यमंत्री की ओर से पत्र के माध्यम से अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से पूछा गया है कि जिन-जिन डॉक्टरों का स्थानांतरण किया गया है क्या यह सत्यापित कर लिया गया है कि स्थानांतरित डॉक्टरों की अवधि से अधिक अवधि वाला कोई भी चिकित्साधिकारी उस जनपद, मंडल या अस्पताल में अब कार्यरत नहीं है, साथ ही कितने चिकित्साधिकारी विभिन्न स्थानों में सम्बद्ध हैं तथा उनके सम्बद्धीकरण पर निर्णय कब किया जायेगा। इसको लेकर भी सम्बद्ध चिकित्साधिकारियों के विवरण सहित उनकी सूची भी उपलब्ध कराने के लिये कहा है।
बता दें, मंगलवार को यूपी में 200 डॉक्टरों के तबादले किए गए, इसके पहले स्वास्थ्य विभाग ने दो बार में कई सीएमओ की लिस्ट भी जारी की थी।
रिपोर्ट- अभय सिंह
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