आगरा के ताजगंज स्थित ओमश्री प्लेटिनम अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से फेंककर हुई फैशन ब्लॉगर रितिका सिंह की हत्या में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। रितिका के परिजनों ने पुलिस से ऐसे चार सवाल किए हैं, जिन पर पुलिस अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। साफ शब्दों में समझें तो इन सवालों पर पुलिस ने चुप्पी साध रखी है। वहीं इस हत्याकांड की तह तक जाने के लिए अब पुलिस क्राइम सीन रिक्रिएट कराएगी। सीओ सदर अर्चना सिंह ने बताया कि इसके लिए फोरेंसिक लैब के लिए पत्र लिखा है। वहां से टीम आएगी।
रितिका की मां मंजू सिंह ने आरोप लगाया कि बेटी ने पहले से ही हत्या की आशंका जाहिर की थी। एसपी फिरोजाबाद को पत्र लिखा था। मगर, सुनवाई नहीं हुई। पूर्व में कोर्ट के आदेश पर दर्ज कराए गए मुकदमे में भी फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई। अब हत्या के बाद साक्ष्य जुटाने में भी पुलिस लापरवाही बरत रही है।
क्राइम सीन रिक्रिएट कराएगी पुलिस
सीओ सदर अर्चना सिंह ने बताया कि हत्याकांड के मामले में सभी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। फरार आरोपी अनवर और चेतन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगी है। वह परिवार के लोगों के भी संपर्क में नहीं हैं। उनकी तलाश की जा रही है। वहीं केस में वैज्ञानिक साक्ष्य भी जुटाए जा रहे हैं। इसके लिए क्राइम सीन रिक्रिएट भी किया जा रहा है। इसके लिए फोरेंसिक लैब के लिए पत्र लिखा है। वहां से टीम आएगी। इसके बाद क्राइम सीन री क्रिएट किया जाएगा।
थाना ताजगंज पहुंचे परिवारीजन
बता दें रितिका की मां मंजू सिंह, पिता सुरेंद्र सिंह और भाई उत्कर्ष बुधवार को थाना ताजगंज गए थे। उन्होंने एक पत्र पुलिस को दिखाया। दावा किया कि बेटी ने 28 मार्च को एसपी फिरोजाबाद को एक पत्र लिखा था। इसमें कहा था कि 12 मार्च को टूंडला थाने में दर्ज कराए मुकदमे में 23 मार्च को मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज हो चुके हैं। 25 मार्च से मुकदमे में नामजद आरोपी जान से मरवाने की धमकी दे रहे हैं। मुकदमा वापस लेने की धमकी दी जा रही है। उसने लिखा कि भविष्य में उसके साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो यह शिकायती पत्र अंतिम बयान समझा जाए। यह पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
पुलिस नहीं कर रही सुनवाई
मां ने आरोप लगाया कि बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। पुलिस सुनवाई नहीं कर रही है। पूर्व की शिकायत पर संज्ञान लिया होता तो बेटी की जान नहीं जाती। अब थाना ताजगंज पुलिस भी केस में गंभीरता नहीं दिखा रही है। लापरवाही से आरोपियों को फायदा मिलेगा। पीएम और सीएम से यही मांग करती हूं, बेटी को न्याय दिलाएं। आरोपियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
परिजनों के सवाल
1- आरोपी आकाश गौतम, काजल और कुसुमा को अपार्टमेंट परिसर से ही पकड़ा था। इसके सीसीटीवी फुटेज भी आ गए हैं। मगर, पुलिस ने लिखा पढ़ी में गिरफ्तारी का स्थान बदल दिया। आकाश को रमाडा होटल की तरफ जाने वाले रास्ते से पकड़ना दिखाया। वहीं काजल और कुसुमा की टीडीआई मॉल के पास से गिरफ्तारी दिखाई, ऐसा क्यों किया।
2- आकाश बाइक से आया था। टूंडला स्थित अपने घर से सुबह निकला था। उसके घर के बाहर के सीसीटीवी फुटेज मौजूद हैं। बाइक को घटनास्थल के पास खड़ा किया था। पुलिस ने बाइक को जब्त किया, लेकिन लिखा पढ़ी में बाइक लावारिस में दिखा दी।
3- बेटी ने 12 मार्च को टूंडला थाने में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया। यह बलवा, मारपीट, एससी-एसटी एक्ट, गालीगलौज, जान से मारने की धमकी, बंधक बनाने सहित अन्य धारा में लिखा गया। उसके साथ 22 फरवरी को घटना हुई थी। मुकदमे में अनिल धर, सत्यम धर, विपुल अग्रवाल की पत्नी दीपाली अग्रवाल, आकाश गौतम और दो अज्ञात आरोपी थे। पुलिस ने दो महीने बाद ही केस में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। तथ्यों की ठीक से जांच नहीं की गई।
4- रितिका से मिलने के लिए घटना वाले दिन एक ब्यूटी पार्लर संचालिका पहुंची थी। इसकी रजिस्टर में एंट्री भी दर्ज है। पुलिस ने उससे पूछताछ क्यों नहीं की।
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