यूपी के हमीरपुर जिले में हाईवे पर दुर्घटना में आठ लोगों की मौत पर चारों तरफ चीत्कार थीं। घायलों की दर्द भरी कराहें लोगों को झकझोर रही थी। हादसे के दौरान वहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति की आंख नम हो गई। एंबुलेंस के जिला प्रभारी कपिल वार्ष्णेय ने बताया कि घटना में छह एंबुलेंस लगी। घायलों को घटना स्थल से मौदहा सीएचसी पहुंचा। इसके बाद घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। तीन मरीजों को कानपुर रेफर किया गया है। हालत यह है कि मौदहा से लेकर शहर तक कानपुर-सागर हाईवे पर पिछले पांच माह में 300 लोगों की जान जा चुकी है। 400 लोग अपाहिज हो चुके हैं।
ऑटो चालक जान से करते खिलवाड़
डग्गामार वाहनों व आटो टैक्सी स्टैंडों के खिलाफ अभियान चलाकर बंद कराए जाने के सख्त आदेश मुख्यमंत्री ने दिए थे। इसका पालन फिलहाल होता नजर नहीं आ रहा है। शहर से लेकर मौदहा तक दुर्घटनाओं का डेंजर जोन है। सर्वाधिक घटनाएं इसी क्षेत्र में होती हैं। ऑटो चालक क्षमता से अधिक सवारी भरकर चलते हैं। एआरटीओ आरपी सिंह ने बताया कि जिले में 2500 ऑटो हैं। इनका 15 किमी का दायरा निर्धारित है। इनका परमिट तीन सवारी व एक चालक मिलाकर चार लोगों का होता है। मगर ऑटों में सवारियां भरकर जीवन से खिलवाड़ किया जाता है।
फोर लेन बनाने की मांग पर ध्यान नहीं
कानपुर-सागर टू-लेन हाईवे को फोर लेन बनाने की मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों ने धरना-प्रदर्शन व कैंडल मार्च निकालकर विरोध भी किया गया। आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के चलते लोग इसे खूनी हाईवे से पुकारने लगे हैं।
सांसद सदन में उठा चुके हैं मामला
हमीरपुर महोबा सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल दुर्घटनाओं का हवाला देकर इस हाईवे को छह लेन बनाए जाने की मांग लोकसभा में कर चुके हैं। पीएनसी के हुए 2024 तक के करार के चलते इस पर कोई पहल नहीं हो पा रही है।
बोले जिम्मेदार
घटना के बाद मौके का जायजा लिया है। एसडीएम, लेखपाल को लगाया गया है। डग्गामार वाहनों पर निरंतर कार्रवाई कर रहे हैं। जिला प्रशासन पीड़ितों की हर संभव मदद करेगा। – डॉ. चंद्रभूषण त्रिपाठी, डीएम
पुलिस डग्गामार वाहनों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी। शासन के निर्देशों का पालन कराया जाएगा। – शुभम पटेल, एसपी
मृतकों व घायलों के परिवारों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी। इस दुख की घड़ी में सरकार और प्रशासन पीड़ितों के साथ है। – डॉ. मनोज कुमार प्रजापति, सदर विधायक
डेढ़ वर्षीय सूर्यांश बचा बाल बाल
आटो व लोडर की भिड़ंत में डेढ़ वर्षीय सूर्यांश बाल-बाल बच गया। वह घायल मां ममता से चिपका हुआ था। उसे मां के साथ अस्पताल पहुंचाया गया। उसे कोई चोट नहीं आई है। बेटे को सुरक्षित देखकर दूर हो गया। यह भी कुदरत का एक करिश्मा है, जहां आठ लोगों की मौत हो गई और सभी यात्री घायल हो गए। जबकि बालक सुरक्षित बच गया।
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