अभय राठौर, लखनऊ : उत्तर प्रदेश में केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर हुए बवाल मामले में योगी सरकार एक्शन में आ गई है। इस बवाल मामले में अबतक 260 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सेना भर्ती को लेकर केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर प्रदेश के कई जिलों में भयंकर बवाल देखने को मिला है। बलिया, अलीगढ़ और मथुरा जिले में बवाल के साथ-साथ आगजनी की खबरें भी सामने आई है।
बलिया में सबसे ज्यादा लोग गिरफ्तार
जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, बलिया जिले में सबसे ज्यादा 109 लोग गिरफ्तार किए गए हैं वहीं मथुरा में 70 और अलीगढ़ में 30 लोगों की गिरफ्तारी बताई जा रही है। इसी तरह वाराणसी कमिश्नरेट में 27 और गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट में 15 लोग अरेस्ट किये गए हैं। गिरफ्तारी के सभी आंकड़े 17 जून को रात 10 बजे तक के बताये जा रहे हैं। वहीं इस मामले में कुल 6 एफआईआर दर्ज की गई हैं जिसमें वाराणसी कमिश्नरेट में 3, गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट में 1, अलीगढ़ और फिरोजाबाद जिले में 1-1 एफआईआर दर्ज की गई है।
एडीजी एलओ ने घटना से जुड़ी जानकारी दी
अग्निपथ योजना को लेकर हुए विरोध पर एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने बताया कि कुछ जनपदों में छिटपुट घटनाएं हुई हैं। उन्होंने बताया कि बलिया में रेलवे स्टेशन पर खड़ी एक बोगी में उपद्रवियों के द्वारा आग लगाया दी गई और अलीगढ़ के टप्पल में एक रोडवेज बस के टायर में आगजनी की गई हैं जिसे बुझाया जा चुका है।
उपद्रव को लेकर क्या बोले जीडी बख्शी
जाने-माने रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (रिटायर्ड) जीडी बख्शी (GD Bakshi) ने अपनी राय रखी है। उन्होंने उपद्रव का हिस्सा बन रहे युवाओं से अपील की है। उनका कहना है कि विरोध का यह तरीका कतई गलत है। सेना का मतलब ही अनुशासन है। जो लोग ट्रेन और बस फूंक रहे हैं, सेना में सेवाएं देने के बारे में उन्हें सोचना भी नहीं चाहिए। देश विरोधी ऐसी गतिविधियों में शामिल होकर वो अपने पैरों पर कुल्हाड़ी नहीं मारें। अगर इन सब में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ तो पुलिस वेरिफिकेशन में इसका पता लगने पर वो सेना में वैसे भी भर्ती नहीं हो पाएंगे। जीडी बख्शी शुक्रवार को हमारे सहयोगी न्यूज चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ में इसी विषय पर चर्चा के लिए हिस्सा लेने पहुंचे थे।
जीडी बख्शी ने कहा कि वह 37 साल फौज में रहे हैं। एक भूतपूर्व सैनिक होने के नाते वह बताना चाहते हैं कि फौज अनुशासित लोगों की जगह है। फौज में अनुशासन सर्वोपरि है। अगर आपको बोला जाता है कि 18 हजार फीट की ऊंचाई पर दुश्मन की तोप को तबाह करनी है तो तबाह करनी ही है। कोई उसमें आगे-पीछे सवाल-जवाब नहीं होता है। फौज में दंगाइयों की जरूरत नहीं है।
क्या की युवाओं से अपील?
रक्षा विशेषज्ञ बोले, ‘मेरी बच्चों से अपील है… हम समझते हैं कि आपको अपनी नौकरी की चिंता है। मगर एक बार आपका नाम पुलिस की लिस्ट में इस तरह की कार्यवाहियों में आ गया तो आपका जो आर्म्ड फोर्सेज में आने का सपना है वो सपना ही रह जाएगा। कुल मिलाकर आपका फौजी सपना खल्लास।’
बख्शी ने कहा कि एक बूढे़ सैनिक की अपील है कि जो भी गिले-शिकवे हैं, उन्हें और भी बहुत सकारात्मक तरीके हैं जिनसे सुलझाया जा सकता है। ट्रेन-बसें जलाना है और लोगों को मारना है तो वो गलत प्रोफेशन को देख रहे हैं। बख्शी बोले, ‘अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मत मारिए। ये आपके देश की ट्रेन है। ये आपके देश की बस है। विरोध जताने का यह कोई तरीका नहीं है।’
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