सुमित शर्मा, कानपुर: कानपुर हिंसा को सोशल मीडिया के माध्यम से भी भड़काने का प्रयास किया गया है। सांप्रदायिक हिंसा के बाद कानपुर कमिश्नरेट पुलिस सोशल मीडिया पर नजर रख रही है। पुलिस ने आठ ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट को चिह्नित किया है, जिन्होंने ट्विटर और फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट किए थे। भड़काऊ पोस्ट से प्रदेश का माहौल खराब करने का प्रयास किया। इसको लेकर कानपुर हिंसा में यह चौथी एफआईआर दर्ज की गई है।
ज्वाईंट कमिश्नर मुख्यालय आनंद कुलकर्णी ने बताया कि कोतवाली में आठ सोशल हैंडल्स पर एफआईआर दर्ज की गई है। इस प्रकरण को जोड़कर यह चौथी एफआईआर दर्ज की गई है। अभी तक इस मामले में 38 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। इसके अलावा एक जांच दल का गठन किया गया है। घटना से जुड़े पोस्ट और सोशल मीडिया पोस्ट की जांच करके अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। घटना से संबंधित भड़काऊ कंटेंट पोस्ट किए गए हैं।
क्या था मामला
कानपुर के यतीमखाने में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दो पक्षों के बीच पथराव हो गया। बवाल इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों के बीच बम और फायरिंग शुरू हो गई। दरअसल भाजपा नेता नुपुर शर्मा ने मोहम्मद साहब को लेकर बीते 26 मई को विवादित बयान दिया था। विवादित बयान को लेकर जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हासमी ने जुमे के दिन ही बाजार बंदी का एलान किया था। इसके लिए दीवारों पर पोस्टर भी चस्पा किए गए थे। लेकिन कानपुर देहात में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम था। जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हासमी की पत्नी का कहना है कि वीआईपी मूवमेंट होने की वजह से बाजार बंदी के कार्यक्रम को स्थिगित कर दिया गया था।
भीड़ से जुलूस और फिर हुआ बवाल
जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने जुलूस का रूप ले लिया। भीड़ एक समुदाय की दुकान बंद कराने लगी। इसका दूसरे पक्ष ने विरोध किया और देखते-देखते दोनों पक्षों के बीच पथराव शुरू हो गया। पुलिस ने टियर गैस और पथराव कर भीड़ को खदेड़ दिया। इसके बाद उपद्रवी गलियों से पुलिस पर पथराव करने लगे।
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