इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट विधिक सेवा प्राधिकरण से जुड़े अधिवक्ताओं को केस से जुड़े सभी प्रपत्रों को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पैनल केअधिवक्ताओं को जब केस की पैरवी करने केलिए पत्र जारी किया जाए तभी उन्हें प्रपत्र (फाइल) उपलब्ध करा दी जाए। ताकि, उन्हें परेशान न होना पडे़। यह आदेश न्यायमूर्ति अट्टू रहमान मसूदी ने सोनू सहित कई अन्य की जेल अपील पर सुनवाई करते हुए दिया है।
इसके पहले मामले की सुनवाई के दौरान पैनल अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से उन्हें केस से जुड़ी प्रपत्र या फाइल उपलब्ध नहीं करा सका है। जबकि, उन्होंने इस संबंध में प्राधिकरण से मांग भी की। लेकिन, वहां से यह कहकर लौटाया गया कि कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें फाइल मुहैया कराई जाएगी। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को तलब किया।
कोर्ट ने सेवा प्राधिकरण की ओर से पैनल में शामिल अधिवक्ताओं को केस एलाटमेंट की प्रक्रिया जानी। इसके बाद निर्देश दिया कि जब पैनल अधिवक्ता को केस एलाटमेंट का पत्र जारी किया जाए तो उसी समय केस से जुड़े सभी प्रपत्र उन्हें मुहैया करा दिए जाएं। कोर्ट ने कहा कि जेल में बंद कैदियों की अपील के मामले में पैनल अधिवक्ता अपनी जेब से पैसे लगाकर केस की पैरवी करते हैं। ऐसे में उन्हें लंबी प्रक्रिया से गुजारकर न परेशान किया जाए। व्यवस्था को आसान बनाया जाए, जिससे कि पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं को सहूलियत हो सके।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट विधिक सेवा प्राधिकरण से जुड़े अधिवक्ताओं को केस से जुड़े सभी प्रपत्रों को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पैनल केअधिवक्ताओं को जब केस की पैरवी करने केलिए पत्र जारी किया जाए तभी उन्हें प्रपत्र (फाइल) उपलब्ध करा दी जाए। ताकि, उन्हें परेशान न होना पडे़। यह आदेश न्यायमूर्ति अट्टू रहमान मसूदी ने सोनू सहित कई अन्य की जेल अपील पर सुनवाई करते हुए दिया है।
इसके पहले मामले की सुनवाई के दौरान पैनल अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से उन्हें केस से जुड़ी प्रपत्र या फाइल उपलब्ध नहीं करा सका है। जबकि, उन्होंने इस संबंध में प्राधिकरण से मांग भी की। लेकिन, वहां से यह कहकर लौटाया गया कि कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें फाइल मुहैया कराई जाएगी। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को तलब किया।
कोर्ट ने सेवा प्राधिकरण की ओर से पैनल में शामिल अधिवक्ताओं को केस एलाटमेंट की प्रक्रिया जानी। इसके बाद निर्देश दिया कि जब पैनल अधिवक्ता को केस एलाटमेंट का पत्र जारी किया जाए तो उसी समय केस से जुड़े सभी प्रपत्र उन्हें मुहैया करा दिए जाएं। कोर्ट ने कहा कि जेल में बंद कैदियों की अपील के मामले में पैनल अधिवक्ता अपनी जेब से पैसे लगाकर केस की पैरवी करते हैं। ऐसे में उन्हें लंबी प्रक्रिया से गुजारकर न परेशान किया जाए। व्यवस्था को आसान बनाया जाए, जिससे कि पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं को सहूलियत हो सके।
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