नोएडा : मुंबई में कोरोना की रफ्तार फिर बढ़ गई है। बुधवार को मुंबई में 506 नए कोविड मरीज मिले हैं। जो इस साल 6 फरवरी (536 मामले) के बाद सबसे अधिक संख्या है। वहां पॉजिटिविटी रेट 6% तक पहुंच गया है। वहीं नोएडा में अभी मामले बढ़ तो नहीं रहे पर लोगों की चिंता जरुर ज्यादा हो गई है जिन्हें बूस्टर डोज लगना बाकी है लेकिन सरकारी केंद्रों पर न लग पाने की वजह से लोग परेशान हैं। लोगों का सवाल है कि इस समय तो दूसरी कैटिगरी में वैक्सीनेशन का भी पहले जैसा दबाव नहीं है उसके बाद भी सरकारी केंद्रों पर बूस्टर डोज 60 से कम वालों को नहीं लगाई जा रही है। जबकि लोगों के पास लगातार मेसेज आ रहे हैं कि आप इसके लिए योग्य हैं। निजी अस्पतालों में लोग जा नहीं रहे। ऐसे में यदि मुंबई की तर्ज पर यहां पर मामले बढ़ने शुरू हुए तो अचानक से बूस्टर डोज लगाने के लिए केंद्रों पर जगह नहीं मिलेगी। अब इस समय इसकी तैयारी को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह शांत बैठे हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के रेकॉर्ड के अनुसार गौतमबुद्ध नगर में अभी तक 2290734 लोगों को पहली डोज लग चुकी है और 1778976 को दूसरी लग गई है। वहीं दोनों डोज ले चुके लोगों में से केवल 1 लाख 32 हजार 131 लोगों को बूस्टर डोज लगी है। यह बूस्टर डोज भी लोगों ने पैसे खर्च करके निजी अस्पतालों में लगवाई है। सरकारी केंद्रों पर केवल 60 साल के पार वाले लोगों को बूस्टर डोज लगाई गई है जिसका आंकड़ा काफी कम है।
4 लाख से ज्यादा के पास बूस्टर डोज के मेसेज: 18 पार वाले करीब 4 लाख से भी ज्यादा लोगों के पास इस समय बूस्टर डोज लगवाने के लिए मेसेज आ रहे हैं। हालांकि लोग इसलिए नहीं लगवा रहे क्योंकि एक तो निजी अस्पताल में जाकर पैसे खर्च करके लगवानी पड़ेगी और दूसरा कोरोना भी इस समय यहां उतना सक्रिय नहीं है। इस कारण लोग निजी अस्पतालों में लगवाने का खर्च बढ़ाने से बच रहे हैं।
पता ही नहीं कि सरकारी केंद्रों पर नहीं लग रहे: जैसे ही बूस्टर डोज लगवाने के लिए मेसेज आ रहे हैं तो लोग उन्हीं सरकारी केंद्रों पर जा रहे हैं जहां उन्हें पहली व दूसरी डोज लगी थी। हालांकि वहां जाने के बाद खाली हाथ वापस आते हैं। गर्मी में समय खराब होता है वह अलग है। ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि बूस्टर डोज सरकारी केंद्रों पर अभी नहीं लग रही है। फोनरवा समेत शहर के सभी आरडब्ल्यूए व रेजिडेंट्स की मांग है कि सरकारी केंद्रों पर जल्द से जल्द बूस्टर डोज शुरू की जाए।
गायब है कोरोना से बचाव का माहौल: देखने में आ रहा है कि कोरोना के मामले कंट्रोल होने के बाद इस समय शहर के लोग कोरोना से बचाव को लेकर पूरी तरह बेधड़क हो गए हैं। न मास्क लगा रहे हैं और न ही सामाजिक दूरी रख रहे हैं। इसके चलते शहर में कोरोना से बचाव का माहौल एकदम गायब सा हो गया है। हालांकि शासन का मास्क लगाने का निर्देश अनिवार्य रूप से अभी लागू है लेकिन लोग मान नहीं रहे हैं।
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