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Agra: 29 महीनों में स्मार्ट सिटी के कैमरों से कटे 2.21 लाख चालान, सबसे ज्यादा इन चौराहों पर हुई कार्रवाई

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ताजनगरी में यातायात नियमों के उल्लंघन करने वालों पर तीसरी आंख से नजर रखी जा रही है। स्मार्ट सिटी के कैमरों की बात करें तो नवंबर 2019 से मार्च 2022 तक 29 महीनों में 2.21 लाख चालान काटे जा चुके हैं। लेकिन, निस्तारण की बात करें तो यह 8621 चालान का ही हो पाया है। शमन शुल्क भी 20.83 करोड़ रुपये में से 67.55 लाख रुपये ही वसूल हो सका है।

अक्तूबर 2021 में सबसे ज्यादा 19946 चालान किए गए। इनमें 1.60 करोड़ रुपये शमन शुल्क लगाया गया। 2019 चालान का निस्तारण हो पाया। 13.51 लाख रुपये की वसूली की गई।
यातायात पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगे सीसीटीवी कैमरों से सबसे पहले शहर के एमजी रोड को कवर किया गया था। इसके बाद फतेहाबाद मार्ग और शमसाबाद मार्ग के अलावा अंदरूनी चौराहों पर कैमरे लगाए गए।

एमजी रोड पर यातायात नियमों के उल्लंघन पर सबसे ज्यादा चालान कटते हैं। इसके बाद फतेहाबाद मार्ग, बिजलीघर, बोदला पर चालान काटे जाते हैं। शहर में कई चौराहे ऐसे हैं, जहां अतिक्रमण, अवैध पार्किंग और यातायात नियमों का उल्लंघन होता है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती है

सबसे ज्यादा चलान वाले महीने
महीना
चालान
शमन शुल्क
निस्तारण
वसूली
अक्तूबर 2021
19946 
1.60 करोड़ रुपये
2019
13.51 लाख रुपये
जनवरी 2022
17967 
1.67 करोड़ रुपये 
931 
7.58 लाख रुपये
दिसंबर 2021
15890  
1.38 करोड़ रुपये 
1058 
7.83 लाख रुपये
फरवरी 2022
14088 
1.71 करोड़ रुपये
411 
5.41 लाख रुपये
मार्च 2022
13991
1.61 करोड़ रुपये
97
1.22 लाख रुपये

 
सबसे कम चालान वाले महीने
महीना
चालान  
शमन शुल्क
जून 2021
866
7.00 लाख रुपये
नवंबर 2019
1637 
10.37 लाख रुपये
दिसंबर 2019
2515
13.16 लाख रुपये
जुलाई 2021
3158
28.74 लाख रुपये
अप्रैल 2020  
3500 
49.62 लाख रुपये

(स्मार्ट सिटी से प्राप्त आंकड़े नवंबर 2019 से मार्च 2022 तक के हैं)
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगे हैं 1350 कैमरे 
शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 1350 कैमरे लगवाए गए हैं। इनमें से कुछ कैमरे अपराध नियंत्रण के लिए हैं तो कुछ इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के लिए लगवाए गए हैं। कैमरों की मदद से वाहनों की नंबर प्लेट से मालिक की जानकारी ली जाती है। वहीं अपराधियों के वाहन और चेहरों की पहचान में भी कैमरे मददगार हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट में पाया गया था कि 452 कैमरे खराब पड़े हैं। हाल यह है कि कई चौराहों पर कैमरे व्यवस्थित नहीं हैं।
यह है स्थिति
260 जगहों पर 1350 कैमरे लगाए
234 जगहों पर 676 कैमरे और ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए 43 जगहों पर लगे 222 कैमरे चालू हैं
452 कैमरे खराब पड़े हैं, इनमें से 100 कैमरे सड़कों पर कार्य के चलते बंद होने का दावा किया जा रहा है
ऑनलाइन भी जमा होता है चालान
एसपी यातायात अरुण चंद ने बताया कि चालान कटने पर वाहन स्वामी के पास पहले मोबाइल पर मैसेज भेजा जाता है, इसके बाद चालान घर पहुंचता है। एक सप्ताह के अंदर यातायात पुलिस के कार्यालय में चालान का निस्तारण किया जा सकता है। शमन शुल्क ऑनलाइन भी जमा करा सकते हैं। एक सप्ताह बाद चालान वर्चुअल कोर्ट में भेजा जाता है। तीन महीने बाद यहां से चालान सामान्य कोर्ट में जाता है। 

विस्तार

ताजनगरी में यातायात नियमों के उल्लंघन करने वालों पर तीसरी आंख से नजर रखी जा रही है। स्मार्ट सिटी के कैमरों की बात करें तो नवंबर 2019 से मार्च 2022 तक 29 महीनों में 2.21 लाख चालान काटे जा चुके हैं। लेकिन, निस्तारण की बात करें तो यह 8621 चालान का ही हो पाया है। शमन शुल्क भी 20.83 करोड़ रुपये में से 67.55 लाख रुपये ही वसूल हो सका है।

अक्तूबर 2021 में सबसे ज्यादा 19946 चालान किए गए। इनमें 1.60 करोड़ रुपये शमन शुल्क लगाया गया। 2019 चालान का निस्तारण हो पाया। 13.51 लाख रुपये की वसूली की गई।

यातायात पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगे सीसीटीवी कैमरों से सबसे पहले शहर के एमजी रोड को कवर किया गया था। इसके बाद फतेहाबाद मार्ग और शमसाबाद मार्ग के अलावा अंदरूनी चौराहों पर कैमरे लगाए गए।

एमजी रोड पर यातायात नियमों के उल्लंघन पर सबसे ज्यादा चालान कटते हैं। इसके बाद फतेहाबाद मार्ग, बिजलीघर, बोदला पर चालान काटे जाते हैं। शहर में कई चौराहे ऐसे हैं, जहां अतिक्रमण, अवैध पार्किंग और यातायात नियमों का उल्लंघन होता है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती है