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‘भारतीय संस्कृति में बिल्कुल अस्वाभाविक’, बहू से रेप के आरोपी ससुर को अग्रिम जमानत

प्रयागराज : बहू के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी व्यक्ति की अग्रिम जमानत की अर्जी इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंजूर की है। अदालत ने कहा है कि हमारी भारतीय संस्कृति में ये बिल्कुल अस्वाभाविक है कि ससुर एक दूसरे व्यक्ति के साथ मिलकर अपनी ही बहू से दुष्कर्म करे। बाबू खान नाम के व्यक्ति की अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए न्यायमूर्ति अजित सिंह ने कहा कि इस बात पर विचार करते हुए कि समाज में याचिकाकर्ता की प्रतिष्ठा बर्बाद करने के उद्देश्य से ये झूठा आरोप लगाया गया है और उच्चतम न्यायालय के निर्णयों पर भी विचार करते हुए अग्रिम जमानत प्रदान की जाती है।

अदालत ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी की स्थिति में उसे कुछ निश्चित शर्तें पूरी करने पर अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कथित पीड़िता ने सहारनपुर जिले के जनकपुरी पुलिस थाने में अपने ससुर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म) और अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

प्राथमिकी में आरोप है कि एक मार्च 2018 को शाम 6 बजे पीड़िता का ससुर अपने साथी के साथ उसके भाई के घर आया। उस समय वो अकेली थी। ससुर ने अपनी बहू से उसके भाई के बारे में पूछा और जब उसे बताया गया कि वो घर में अकेली है तो ससुर ने उसे गाली देना शुरू कर दिया और उसने अपने साथी के साथ मिलकर बहू के बिस्तर पर ढकेल दिया और दोनों ने दुष्कर्म करने का प्रयास किया।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि इस मामले में सह आरोपी को इस अदालत से अग्रिम जमानत दी जा चुकी है। याचिकाकर्ता को भय है कि उसे पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। ये आदेश 18 मई 2022 को पारित किया गया।