विजय मिश्रा समेत अन्य भूमाफिया के खिलाफ ताबड़तोड़ ध्वस्तीकरण कार्रवाई से चर्चा में आए पीडीए के ओएसडी/जोनल अधिकारी आलोक पांडेय को भी ओएसडी सत शुक्ला की तरह गैर जिले का रास्ता दिखा दिया गया। अफसरों के मुताबिक उन्हें सहारनपुर से अटैच किया गया है। शासन की मंशा के अनुरूप काम करने वाले पीडीए अफसरों को अचानक गैर जिलों में भेजे जाने के मामला दिन भर गरम रहा। लोग तरह-तरह की चर्चाएं करते रहे।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण(पीडीए) में दो दशक से ओएसडी/जोनल अधिकारी के पद पर तैनात रहे आलोक पांडेय को बृहस्पतिवार को ही रिलीव कर दिया गया। सफेदपोशों और माफिया के कब्जे से प्राधिकरण की नहीं करोड़ों के मूल्य वाली जमीन खाली कराने वाले आलोक पांडेय पीडीए के प्रवर्तन दल प्रभारी भी रहे हैं। पिछले दिनों फाफामऊ में भी भूमाफिया के खिलाफ चलाए गए अभियान में उनकी अहम भूमिका थी। इससे पहले माफिया कार्रवाई करने वाले ओएसडी सत शुक्ला को पीडीए से हटाकर कानपुर विकास प्राधिकरण से अटैच किया जा चुका है।
सूत्रों के मुताबिक माफिया कार्रवाई में ढिलाई की सिफारिशों को नजरंदाज करना उन्हें भारी पड़ गया। सूत्रों के मुताबिक शहर में स्मार्ट सिटी के विकास कार्यों के दौरान हुईं ध्वस्तीकरण की कार्रवाइयों में वह लोगों के निशाने पर आए। कुछ महीनों से पीडीए में भी अफसरों की आपसी खींचतान की भी चर्चा रही। सहारनपुर से अटैचमेंट आदेश के बारे में पूछे जाने पर आलोक पांडेय ने बताया कि उनकी मां बीमार हैं, वह उनका इलाज कराने के लिए अवकाश लेकर लखनऊ आए हैं।
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