सार
मामले में अल्लामा जाकिर नकवी की शिकायत पर सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां, उनके बेटे अब्दुला आजम, पत्नी तंजिम खान फातिमा और मुतवल्ली मसूद खान सहित नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मसूद खान पर आरोप है कि उसने आजम खां के इशारे पर शत्रु संपत्ति को वक्फ संपत्ति दर्ज किया।
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रामपुर में शत्रु संपत्ति मामले में आजम खां को जमानत मिलने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सह आरोपी मुतवल्ली मसूद खान को भी राहत दे दी है। हाईकोर्ट ने मसूद खान की अंतरिम जमानत अर्जी मंजूर करते हुए उसे 31 जुलाई 2022 तक याची को एक लाख रुपये के व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूति केसाथ रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 10 अगस्त 2022 की तिथि तय की है। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने मुतवल्ली मसूद खान की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले में अल्लामा जाकिर नकवी की शिकायत पर सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां, उनके बेटे अब्दुला आजम, पत्नी तंजिम खान फातिमा और मुतवल्ली मसूद खान सहित नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मसूद खान पर आरोप है कि उसने आजम खां के इशारे पर शत्रु संपत्ति को वक्फ संपत्ति दर्ज किया। इसके बाद आजम खां ने उस संपत्ति को जौहर अली विश्वविद्यालय के परिसर में शामिल कर लिया।
सत्र न्यायालय रामपुर ने मुतवल्ली मसूद खान की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके बाद उसने हाईकोर्ट के समक्ष गुहार लगाई। लंबी बहस के बाद कोर्ट ने अंतरिम जमानत मंजूर कर ली। कोर्ट ने कहा कि क्योंकि, मामले में मुख्य आरोपी आजम खां को जमानत दी जा चुकी है। मुख्य आरोपी के मुकाबले मामले में याची की अपराध में संलिप्तता बहुत कम है।
याची 2015 में आजम खां की कठपुतली के रूप में मुतवल्ली नियुक्त हुआ था। मामले में उसकी भूमिका अपने मालिक आजम खां के निर्देशों और आदेशों का पालन करना रहा। हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में याचिकाकर्ता के पक्ष में अंतरिम आदेश भी दिया है। लिहाजा, याची को अंतरिम जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया जाता है।
विस्तार
रामपुर में शत्रु संपत्ति मामले में आजम खां को जमानत मिलने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सह आरोपी मुतवल्ली मसूद खान को भी राहत दे दी है। हाईकोर्ट ने मसूद खान की अंतरिम जमानत अर्जी मंजूर करते हुए उसे 31 जुलाई 2022 तक याची को एक लाख रुपये के व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूति केसाथ रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 10 अगस्त 2022 की तिथि तय की है। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने मुतवल्ली मसूद खान की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले में अल्लामा जाकिर नकवी की शिकायत पर सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां, उनके बेटे अब्दुला आजम, पत्नी तंजिम खान फातिमा और मुतवल्ली मसूद खान सहित नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मसूद खान पर आरोप है कि उसने आजम खां के इशारे पर शत्रु संपत्ति को वक्फ संपत्ति दर्ज किया। इसके बाद आजम खां ने उस संपत्ति को जौहर अली विश्वविद्यालय के परिसर में शामिल कर लिया।
सत्र न्यायालय रामपुर ने मुतवल्ली मसूद खान की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके बाद उसने हाईकोर्ट के समक्ष गुहार लगाई। लंबी बहस के बाद कोर्ट ने अंतरिम जमानत मंजूर कर ली। कोर्ट ने कहा कि क्योंकि, मामले में मुख्य आरोपी आजम खां को जमानत दी जा चुकी है। मुख्य आरोपी के मुकाबले मामले में याची की अपराध में संलिप्तता बहुत कम है।
याची 2015 में आजम खां की कठपुतली के रूप में मुतवल्ली नियुक्त हुआ था। मामले में उसकी भूमिका अपने मालिक आजम खां के निर्देशों और आदेशों का पालन करना रहा। हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में याचिकाकर्ता के पक्ष में अंतरिम आदेश भी दिया है। लिहाजा, याची को अंतरिम जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया जाता है।
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