आगरा के नुनिहाई स्थित अतुल ग्रुप की फैक्टरी में शनिवार को अतुल ग्रुप की फैक्टरी में कार्बन डाई ऑक्साइड का सिलिंडर फटने से हुए धमाके की आवाज आधा किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। आसपास के लोग भी घरों से बाहर निकल आए। लोगों को लग रहा था कि कोई बम फट गया है। मगर, बाद में पता चला कि सिलिंडर में धमाका हुआ है। सिलिंडर के टुकड़े 200 मीटर की दूरी तक बिखरे दिखे।
फैक्टरी के मजदूरों ने पुलिस को बताया कि सिलिंडरों को उतारते समय धमाका हुआ तो सभी सकते में आ गए। कुछ देर तक समझ में नहीं आया कि अचानक क्या हो गया। चपेट में आने से मजदूर रूपेश यादव की मौत हो गई। उसके शरीर के चिथड़े उड़ गए। दो मजदूर इरफान और हर्ष घायल हुए हैं। मृतक मजदूर के परिजनों ने लापरवाही से हादसे का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। परिजनों को समझाकर पुलिस साढ़े तीन घंटे बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज सकी।
धमाके के बाद सिलिंडर के टुकड़े भी क्षेत्रीय लोगों ने पुलिस को लाकर दिए, जो 200 मीटर दूर तक जा गिरे थे। आसपास रहने वालों का कहना था कि वो लोग धमाके की आवाज सुनकर घबरा गए। लगा कि बम फट गया। रूपेश का शव देखकर परिजन बेहाल हो गए। शरीर के चिथड़े उड़ गए थे। बवाल की आशंका पर थाने की फोर्स को बुला लिया गया। हालांकि पुलिस के समझाने पर बवाल टल गया।
गाड़ी भी हो गई क्षतिग्रस्त
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि धमाका जबरदस्त था। पहले लग रहा था कि ऑक्सीजन सिलिंडर में धमाका हुआ है। मगर, बाद में पता चला कि धमाका कार्बन डाई ऑक्साइड के सिलिंडर में हुआ है। धमाके से मेटाडोर की बॉडी की मोटी चादर भी क्षतिग्रस्त हो गई।
दो बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
रूपेश के चचेरे भाई रवि ने बताया कि रूपेश तीन भाइयों में छोटा था। उसके दो बच्चे दो साल की बेटी हर्षु और पांच साल का बेटा युवराज है। पत्नी पंकज देवी हैं। परिवार में कोहराम मचा है। रूपेश रोजाना की तरह गांव से काम पर आया था। परिजनों ने कहा कि फैक्टरी में सुरक्षा के इंतजाम होते तो जान नहीं जाती। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि अतुल ग्रुप की फैक्टरी में सिलिंडर को मेटाडोर से उतारते समय हादसा हुआ है। सिलिंडर फट जाने से एक मजदूर की मौत हुई। दो घायल हैं। परिजनों की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जाएगी। अग्निशमन विभाग और फोरेंसिक एक्सपर्ट टीम को मौके पर भेजा गया था। घटना के सभी पहलुओं को देखा जा रहा है। फैक्टरी में सिलिंडर किस कंपनी से आए थे, यह भी पता किया जाएगा। सिलिंडर पर फैक्टरी का नाम लिखा होता है। फैक्टरी प्रबंधक और मैनेजर अभी सामने नहीं आए हैं। उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
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