राष्ट्रीय जांच एजेंसी के डीएसपी तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की हत्या करने के तुरंत बाद मुनीर सहसपुर को छोड़कर फरार हो गया था। मुनीर के फरार होने के बाद रैय्यान को पकड़े जाने का डर लगा तो वह एक मोबाइल रिचॉर्ज करने की दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज डिलीट कराने के लिए पहुंच गया था। बस यहीं से पुलिस के हाथ सुराग लगा और रैय्यान को धर दबोचा गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मुनीर ने रैय्यान से पूछा था कि क्या तंजील आया है। रैय्यान ने तंजील के आने की जानकारी दे दी। इसके बाद ही मुनीर ने रैय्यान को संग लेकर दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया। मुनीर हत्याकांड को अंजाम देने के लिए चार पिस्टल लेकर आया था, जिसमें दो रैय्यान को देकर बाइक पर बैठाया। रैय्यान को पहनने के लिए अपनी शर्ट भी मुनीर ने ही दी थी। इस दौरान रास्ते में एक मोबाइल रिचॉर्ज करने की दुकान में सीसीटीवी कैमरे लगे थे, रैय्यान को लगा कि वह उसमें कैद हो गए हैं। उसने दुकानदार पर फुटेज डिलीट करने का दबाव बनाया। इसी से पुलिस को सुरगा लगा और उसे पकड़कर पूछताछ की तो पूरी घटना का खुलासा हो गया।
तंजील और उनकी पत्नी पर की थी ताबड़तोड़ फायरिंग
कार से एक शादी समारोह में शामिल होकर लौट रहे एनआईए के डीएसपी और उनकी पत्नी पर मुनीर और रैय्यान ने तबाड़तोड़ फायरिंग की थी। करीब 24 गोलियां तो तंजील को ही लगी थीं, गोली लगने और शरीर से बाहर निकलने के करीब 33 निशान थे।
मूलरूप से सहसपुर के रहने वाले एनआईए के डिप्टी एसपी तंजील अहमद अपनी पत्नी फरजाना खातून और बच्चों के संग वैगनआर गाड़ी से स्योहारा आए थे। दो अप्रैल 2016 की रात को बंधन मैरिज हॉल में भांजी की शादी की रस्मों में उन्होंने भाग लिया। रात में लगभग साढ़े बारह बजे तंजील अपनी पत्नी और दोनों बच्चों के साथ अपने घर सहसपुर के लिए चल दिए। गाड़ी को तंजील अहमद चला रहे थे, पत्नी बराबर वाली सीट पर और बच्चे पिछली सीट पर बैठे थे। उनकी गाड़ी के पीछे उनके भाई रागिब मसूद अपने बच्चों के साथ दूसरी गाड़ी से पीछे पीछे आ रहे थे।
वहीं जब तंजील अहमद सहसपुर में ताल कटोरा तालाब के पास निर्माणाधीन पुलिया पर पहुंचे तभी बाइक पर आए दो बदमाशों ने तंजील अहमद और उनकी पत्नी पर गोलियां चला दीं। गोली लगने से तंजील अहमद व उनकी पत्नी फरजाना गंभीर रूप से घायल हो गईं। घायलों को कॉसमॉस अस्प्ताल मुरादाबाद ले जाया गया। जहां तंजील अहमद को मृत घोषित कर दिया गया।
वहीं फरजाना को फोर्टिस अस्पताल नोएडा के लिए रेफर किया गया। फरजाना को फोर्टिस अस्पताल से एम्स दिल्ली ले जाया गया। जहां फरजाना की 13 अप्रैल को मौत हो गई। मामले में पुलिस ने मुनीर, रैय्यान के साथ तंजीन, जैनी और रिजवान के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। तंजीन, जैनी और रिजवान पर इस दोहरे हत्याकांड के षडयंत्र में शामिल होने और मुनीर और रैय्यान की मदद करने का आरोप था। हालांकि कोर्ट तंजीन, जैनी और रिजवान को बरी कर चुकी है।
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