उत्तर प्रदेश के कानपुर समेत आसपास के शहरों में गर्मी से अभी राहत के आसार नहीं हैं। दो-तीन दिन तपिश और तेज हो सकती है। मौसम विभाग को उम्मीद थी कि गुरुवार को अरब सागर से नम हवाएं आएंगी और गर्म हवाओं के साथ घुल-मिल जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उत्तर पश्चिमी हवाएं थार मरुस्थल से तप कर आ रही हैं।
हिमालय में पश्चिमी विक्षोभ का असर बताया जा रहा है जिसकी वजह से ऊंचे पहाड़ों पर बारिश हुई है लेकिन इसका असर गंगा के मैदानी इलाकों पर नहीं है। चंद्रेशखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम विभाग प्रभारी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि संभावना है कि अरब सागर से हल्की नम हवाएं आ सकती हैं, लेकिन इससे ऊंचे बादल बनेंगे। इससे बूंदाबांदी हो सकती है जिससे उमस में और इजाफा हो जाएगा।
गुरुवार को दिन का अधिकतम तापमान सामान्य औसत से 3.6 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा है। रात का न्यूनतम तापमान सामान्य औसत के लगभग बराबर चल रहा है। माहौल में अधिकतम नमी 50 फीसदी के नीचे आ गई है।
इससे तपिश और उमस भरी गर्मी ने शहरियों की हालत खराब रखी। दोपहर को धूप की सख्ती अधिक रही है जिससे सड़कों पर लोग जल्दी से अपने गंतव्य की तरफ भागते रहे। इसके साथ ही गर्मी की बीमारियों ने भी सिर उठा लिया है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि 21 और 22 मई को धूल भरी आंधी और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। खड़ी फसलों में सात-आठ दिन के अंतराल पर हल्की सिंचाई और पशुओं को सुबह-शाम नहलाने की सलाह दी गई है।
डॉ. पांडेय ने बताया कि दक्षिण अरब सागर के कुछ हिस्सों में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून आगे बढ़ने की स्थिति अनुकूल हो रही है।
तापमान
अधिकतम- 44 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम- 25.8 डिग्री सेल्सियस
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