वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) मामले में बुधवार को दो मामलों पर बड़े फैसले आने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि इससे पूर्व बनारस बार एसोसिएशन (Banaras Bar Association) ने हड़ताल का निर्णय ले लिया, अब ज्ञानवापी मस्जिद विवाद की सुनवाई और फैसले पर संशय की स्थिति बन गई है। वहीं हिंदू पक्ष के वकील के मुताबिक अगर सभी पक्ष राजी हो जाते हैं तो सुनवाई हो सकती है। इस बाबत उनकी तरफ से बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को एक चिट्ठी भी लिखी गई है।
हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन की तरफ से बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर पूरे देश की निगाहे हैं। ऐसे में इस मामले की सुनवाई में शामिल होने की दे छूट दी जाए। वहीं अध्यक्ष ने कहा कि हम सर्वे कर रहे हैं कि अदालत बैठ है या नहीं। अभी हम इस पर अनुमति देने की स्थिति में नहीं है। सभी वकीलों के साथ इस हड़ताल को लेकर चर्चा होगी। दो बजे के बाद इस पर विचार किया गया।
हड़ताल से सुनवाई पर संशय
मंगलवार को श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन पूजन करने वाली महिलाओं की तरफ से एक और याचिका दी गई थी। जिसमें कहा गया था कि वर्तमान में स्थित नंदी के ठीक सामने वाली दीवार को तोड़ा जाए साथ ही जो शिवलिंग मिला है उसके निचले हिस्से में भी कमीशन की कार्यवाही कराई जाए। इसके साथ उन्होंने कुछ और परिसर के हिस्से के कमीशन की मांग की थी। इस पर आज बेहद अहम सुनवाई होनी थी लेकिन बनारस बार एसोसिएशन के हड़ताल के निर्णय की वजह से अब इस पर संशय की स्थिति बनी हुई है। इसके साथ ही एक अन्य मामला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रताप की तरफ से दिए गए याचिका में थी । जिसके मुताबिक मस्जिद के वजूखाने को सील किए हुए परिसर से मछलियों को बाहर निकालना साथ ही वजू के लिए पानी की पाइप लाइन को दूसरी जगह स्थानांतरित किए जाने संबंधी याचिका पर भी सुनवाई होनी थी।
अगर सभी पक्ष राजी तो हो सकती है सुनवाई हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी के मुताबिक बार एसोसिएशन से जुड़े होने की वजह से वह हड़ताल के लिए बाध्य है । लेकिन फिर भी उन्होंने बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस बेहद अहम मामले की सुनवाई के लिए इजाजत मांगी है । उम्मीद है कि उन्हें इजाजत मिल जाएगी और अगर प्रतिवादी पक्ष के वकील तैयार होते हैं तो आज सुनवाई संभव है।
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