नोएडा: निठारी के नरपिशाच मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को कोई नहीं भूल सकता है। नोएडा के निठारी में घटना का खुलासा हुआ तो लोगों को हिलाकर रख दिया। इस केस में विशेष सीबीआई कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दिया है। बड़ी पायल की हत्या मामले में सुरेंद्र कोली को कोर्ट ने दोषी करार दिया है, जबकि मोनिंदर सिंह पंढेर को मोरल ट्रैफिकिंग ऐक्ट में दोषी पाया गया है। वहीं, सबूत के अभाव में सिमरनजीत कौर को भ्रष्टाचार के मामले में बरी कर दिया गया।
इस मामले में गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट 19 मई को सजा सुनाएगा। बड़ी पायल के अपहरण और हत्या के मामले में सजा सुनाई गई है। हालांकि, पहले भी विशेष सीबीआई कोर्ट इन्हें कई मामलों में दोषी ठहरा चुका है। विशेष सीबीआई कोर्ट ने वर्ष 2017 में पिंकी सरकार की हत्या के मामले में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर को मामले में फांसी की सजा सुनाई थी। निठारी हत्याकांड से जुड़े एक अन्य मामले में जज पवन कुमार तिवारी ने फांसी की सजा सुनाई थी। पिंकी सरकार की हत्या से जुड़े मामले में अपहरण, रेप और मर्डर का दोषी पाया गया था।
यह था मामला
वर्ष 2006 में निठारी गांव की कोठी नंबर डी-5 से नरकंकाल मिला था। वहीं, कोठी के पास नाले से बच्चों के अवशेष बरामद किए गए थे। यह केस गाजिबाद की विशेष सीबीआई कोर्ट में चल रहा है। बता दें कि निठारी कांड का खुलासा लापता लड़की पायल की वजह से हुआ था। चर्चाओं में आने के बाद यह पूरा मामला देशभर के लोगों के बीच फैल गया। यहां से मानव शरीर के हिस्सों के पैकेट मिले थे। नरकंकालों को नाले में फेंका गया था। उत्तराखंड का रहने वाला सुरेंद्र कोली डी-5 कोठी में मोनिंदर सिंह पंढेर का नौकर था। परिवार के पंजाब चले जाने के बाद दोनों कोठी में रह रहे थे।
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