विधायक निधि में गबन के मामले में मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मऊ डीएम को स्कूल के भौतिक सर्वेक्षण का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि डीएम सर्वेक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करें। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
हाईकोर्ट ने कहा है कि डीएम यह पता लगाएं कि स्कूल के प्रधानाचार्य और प्रबंधक कौन हैं? उस स्कूल में किस कक्षा तक पढ़ाई हो रही है? पंजीकृत छात्रों की संख्या कितनी है? स्कूल की मान्यता प्राप्त है या नहीं? कुल शिक्षण स्टाफ की संख्या कितनी है? कोर्ट ने स्कूल का वार्षिक बजट और आय का स्रोत के बारे में जानकारी देने को कहा है। कोर्ट ने डीएम को कहा है कि वह सीलबंद लिफाफे में अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट दाखिल करें। कोर्ट ने डीएम को मामले की गंभीरता से लेते हुए 19 मई तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
डीएम को बिंदुवार आख्या सीलबंद लिफाफे में देने का आदेश
इसके पूर्व मामले में याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने अपनी बहस पूरी की। इसके बाद सरकारी अधिवक्ता ने अपनी ओर से कुछ नए तथ्य पेश करने के लिए और समय दिए जाने की मांग की। सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि मामला तत्कालीन मऊ विधायक मुख्तार अंसारी द्वारा एक निजी शैक्षणिक संस्थान को विधायक निधि दिए जाने का है।
विधायक निधि के जरिए ही स्कूल को स्थापित किया गया है। इसकी सही और स्पष्ट जानकारी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए उन्हें और समय दिया जाए। कोर्ट ने इस पर डीएम मऊ को विस्तृत रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश करने केलिए निर्देशित किया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 20 मई की तिथि तय की है।
मामले में मऊ विधायक मुख्तार अंसारी पर गुरु जगदीश सिंह बैजनाथ पहलवान उच्चतर विद्यालय सरवां मऊ को विधायक निधि द्वारा दिए गए धन के गबन का मामला है। मामले में स्कूल के प्रबंधक और उसके पुत्र को भी सह आरोपी बनाया गया है। कोर्ट ने सह आरोपी की जमानत पहले ही मंजूर करते ही जेल से छोड़ दिया है।
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