लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) इस बार भी प्रदेश से राज्यसभा में अपना संख्या बल बढ़ाने जा रहा है और वह राज्यसभा की खाली होने जा रही 11 सीटों में से आठ पर आसानी से जीत हासिल करने की स्थिति में है। इस बार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस को सीट मिलने की संभावना नहीं है। उत्तर प्रदेश से कुल 31 सदस्य राज्यसभा के लिए चुने जाते हैं। आगामी जून से अगस्त के बीच प्रदेश की 11 राज्यसभा सीटें रिक्त हो रही हैं। जिन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनमें भाजपा के जफर इस्लाम, शिव प्रताप शुक्ला, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर और जयप्रकाश निषाद शामिल हैं। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी (सपा) के सुखराम सिंह यादव, रेवती रमण सिंह और विशंभर प्रसाद निषाद, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ तथा कांग्रेस के कपिल सिब्बल शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के 273 विधायक हैं जबकि सपा गठबंधन के पास कुल 125 सदस्य हैं। एक राज्यसभा सदस्य को जिताने के लिए कम से कम 34 सदस्यों का समर्थन मिलना जरूरी है। उस हिसाब से देखें तो भाजपा 11 में से आठ सीटें आसानी से जीतने की स्थिति में है जबकि सपा गठबंधन भी तीन सीटें आसानी से जीत सकता है।
इस चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस और बसपा को होगा। इन दोनों ही दलों का हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन बहुत खराब रहा था। कांग्रेस को दो और बसपा को मात्र एक सीट ही हासिल हुई थी, लिहाजा यह दोनों दल अपने दम पर एक भी सदस्य जिताने की स्थिति में नहीं हैं।
सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ का कार्यकाल जुलाई में समाप्त होने के बाद अब संसद के उच्च सदन में राम जी गौतम के रूप में पार्टी का एकमात्र सदस्य रह जाएगा।
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