प्रयागराज: सपा विधायक आजम खान (azam khan bail) को शत्रु संपत्ति मामले में मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (azam khan allahabad high court) ने जमानत दे दी है। इस ममाले में सुनवाई पूरी हुई लेकिन जजमेंट रिजर्व रखा गया है। लेकिन स्कूल की मान्यता के लिए फर्जी सर्टिफिकेट वाले नए मुकदमे की वजह से उन्हें अभी जेल में रहना होगा।
आजम खान के खिलाफ 87 मामलों में से 86 में जमानत मिल चुकी थी लेकिन शत्रु संपत्ति के मामले में जमानत न मिलने की वजह से वह सीतापुर जेल में बंद हैं। वह करीब दो साल से जेल में बंद हैं जबकि उनके बेटे और पत्नी को जमानत मिल चुकी है।
शत्रु संपत्ति मामले में जमानत होने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि 87 में से 86 मामलों में आजम खान को जमानत मिल चुकी है। सिर्फ एक मामले के लिए इतना लंबा वक्त क्यों लग रहा है। हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि मामले में 137 दिनों बाद भी फैसला क्यों नहीं हो पाया।
अदालत ने यह भी कहा कि अगर इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले में फैसला नहीं देगा तो हम इसमें दखल देंगे। लेकिन इसके बाद ही एक नया मामला सामने आया जिसकी वजह से उनकी मुसीबतें बढ़ गईं। आरोप है कि आजम खान ने रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का सर्टिफिकेट फ़र्ज़ी बनवा कर मान्यता प्राप्त की थी। शत्र संपत्ति विवाद में जमानत मिलने के बाद भी उन्हें तब तक जेल में रहना होगा जब तक इस केस में भी जमानत न मिल जाए।
एमपी/एमएलए कोर्ट ने जारी किया था वारंट
6 मई को एमपी/एमएलए कोर्ट (mp mla court) ने आजम खान के खिलाफ वारंट जारी किया था। इस मामले की सुनवाई 19 मई को होनी है। उसी समय कहा जा रहा था कि अब इसके बाद आजम खान के जल्द जेल से बाहर आने की संभावना कम हो गई है।
यह है मामला
वर्ष 2020 में कोतवाली रामपुर में दर्ज हुए मुकदमा संख्या 70/20 धारा 420, 467, 468, 471, 120B आईपीसी के मामले में पुलिस ने दोबारा की जांच में आजम खान को आरोपी बनाया है। इसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का सर्टिफिकेट फ़र्ज़ी बनवा कर लगा मान्यता प्राप्त की थी।
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