प्रयागराज: बाहुबली मुख्तार अंसारी (mukhtar ansari ) के भाई और गाजीपुर के बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी (afzal ansari grilled by ed ) से प्रवर्तन निदेशालय के प्रयागराज स्थित कार्यालय में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सोमवार को करीब 7 घंटे तक पूछताछ हुई। इस दौरान उनसे वर्ष 2011 से 2021 के बीच हुई आय और अर्जित सम्पत्तियों के बारे में पूछताछ की गई। उनके बैंक खातों से संबंधित जानकारी भी ली गई।
ईडी ने पूर्व विधायक और अफ़ज़ाल के भाई मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों को भी तलब किया था लेकिन समय कम होने की वजह से उनसे पूछताछ नहीं हो सकी। इसी मामले में ईडी मुख्तार से पिछले साल नवंबर में ही बांदा जेल में पूछताछ कर चुकी है।
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पिछले साल दर्ज हुआ मनी लॉन्ड्रिंग का केस
मुख्तार के खिलाफ पिछले साल जुलाई में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था। जिसके बाद नवंबर में ईडी की टीम ने बांदा जेल में जाकर उससे पूछताछ करते हुए बयान भी दर्ज किया था। गाजीपुर व लखनऊ जिलों में पूर्व में दर्ज तीन मुकदमों को आधार बनाते हुए ईडी ने उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। आपराधिक मुकदमों के साथ ही जमीनों की हेराफेरी, अवैध कब्जे व गबन आदि के आरोप से संबंधित मामले भी उस पर दर्ज हैं।
इसी के तहत पिछले साल उसके खिलाफ धोखाधड़ी कर विधायक निधि निकालने व अन्य आरोप में केस दर्ज कराया गया था। इससे पहले 2020 में धोखाधड़ी करते हुए जाली दस्तावेज तैयार कर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का भी मुकदमा उस पर दर्ज हुआ था। इसी तरह लखनऊ में भी धोखाधड़ी कर संपत्ति अर्जित करने के मामले में मुख्तार अंसारी पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इन्हीं मुकदमों को आधार बनाते हुए ईडी ने उस पर केस दर्ज किया था।
सात बैंक खाते भी आए थे निशाने पर
पिछले साल ईडी ने मुख्तार के सात बैंक खाते भी चिह्नित किए थे। धीरे-धीरे ईडी का शिकंजा मुख्तार और उसके परिवार पर कसता जा रहा है। मुख्तार और अफ़ज़ाल से पूछताछ के बाद ईडी अब मुख्तार के दोनों बेटों अब्बास और उमर से जल्द ही पूछताछ करेगी। इसके साथ ही इस मामले में मुख्तार के परिवार के अन्य लोगों और सालों को भी तलब किया जा सकता है।
वहीं, पूछताछ के बाद ईडी कार्यालय से बाहर निकले अफजाल अंसारी ने इसे राजनीतिक रूप देते हुए कहा कि, 2024 के चुनाव को देखते हुए यह सब हो रहा है। पूर्वांचल में 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कई सीटें उनके और उनके परिवार के कारण गंवानी पड़ी हैं। पहले भी सरकार एजेंसियों का इसी तरह दुरुपयोग करती रही है। लेकिन जब भी एजेंसी बुलाएगी वह आएंगे, उन्हें किसी बात का डर नहीं है।
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