कानपुर: गैगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के दो साल पूरे होने से पहले प्रशासन की ओर से बड़ा आदेश आया है। विकास दुबे और उसके परिवार की मुश्किलें अब बढ़ने वाली हैं। प्रशासन ने उसकी संपत्ति जब्ती के आदेश जारी कर दिए हैं। कानपुर एसपी आउटर की रिपोर्ट पर डीएम नेहा शर्मा ने विकास दुबे और उसके रिश्तेदारों की संपत्ति के जब्तीकरण के आदेश दिए हैं। विकास और उसके रिश्तेदारों की चल-अचल संपत्ति की लागत लगभग 67 करोड़ रुपए आंकी गई है। इसके साथ ही डीएम ने कानपुर देहात और लखनऊ डीएम को पत्र लिखकर एसडीएम या तहसीलदार को रिसीवर के रूप में नियुक्त करने की अपील की है।
दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ने 2 जुलाई 2020 की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू कांड के बाद यूपी एसटीएफ ने विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को एनकांउटर में मार गिराया था। इस मामले में 36 आरोपी जेल में बंद हैं। इसमें अमर दुबे की पत्नी खुशी समेत तीन महिलाएं भी शामिल हैं। बिकरू कांड में तत्कालीन एसएचओ विनय तिवारी और हल्का चौकी इंचार्ज केके शर्मा भी जेल में बंद हैं।
आउटर पुलिस ने तैयार की रिपोर्ट
कानपुर आउटर पुलिस ने विकास दुबे और उसके करीबियों की संपत्ति का ब्यौरा जुटाया है। जिसमें विकास दुबे के भाई दीपक, दीपक की पत्नी, रिचा दुबे, विकास के पिता-माता समेत विकास दुबे के खास गुर्गे शामिल हैं। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि विकास दुबे के सरंक्षण में उसके रिश्तेदारों और गुर्गों ने अवैध रूप से चल-अचल संपत्ति बनाई है। अवैध करोबार से अर्जित की धनराशि से करोड़ों की संपत्ति बनाई गई है। एसपी आउटर अजीत कुमार सिन्हा ने कानपुर डीएम के समक्ष रिपोर्ट पेश की थी। एसपी की रिपोर्ट को संज्ञान लेते हुए डीएम ने कानपुर, कानपुर देहात और लखनऊ की संपत्ति को जब्त करने के आदेश दिए हैं।
डीएम ने कहा नहीं हैं सबूत
बिकरू कांड से संबंधित मुख्य अभियुक्त विकास दुबे और उनके परिवारीजन के खिलाफ एसपी आउटर की आख्या के क्रम में हमने न्यायलय कानपुर जिला मजिस्ट्रेट गैंगेस्टर एक्ट की 14 (01) धारा के अंतर्गत अच-अचल संपत्ति के जब्तीकरण के आदेश जारी किए हैं। यह वही अच-अचल संपत्तियां हैं, इन्हे अवैध रूप से बनाया गया था। इनके आय के बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं थे।
67 करोड़ की है संपत्ति
पुलिस की आख्या रिपोर्ट में के अनुरूप जब्तीकरण और अटैचमेंट की कार्रवाई की गई है। इसमें तहसीलदार रिसीवर के रूप में नियुक्त किए गए हैं। यह सभी चल-अचल संपत्तियां कानपुर, कानपुर देहात और लखनऊ में भी हैं। इसकी जानकारी वहां के जिलाधिकारी को पत्र के माध्यम से दी गई है। उनसे अपील की गई है कि वहां पर एसडीएम या फिर तहसीलदार को नियुक्त किया जाए। जल्द से जल्द से इस प्रॉपर्टी की कुर्की की जाए। सभी संपत्तियों का आकलन कराया गया, जिसकी लागत लगभग 67 करोड़ है।
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