वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी विवाद (gyanvapi masjid kashi vishwanath) मामले में सभी राजनीतिक दल बहुत संभलकर बयानबाजी कर रहे हैं। अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने श्रृंगार गौरी (shringar gauri vivad) दर्शन पूजन मामले में कोर्ट के आदेश पर अधिकृत तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। दो दिनों से श्रृंगार गौरी मामले में सर्वे को लेकर काशी के साथ देश का माहौल गर्म है। लेकिन आज समाजवादी पार्टी की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (suheldev bharatiya samaj party) के प्रदेश प्रवक्ता शशी प्रताप सिंह ने एक बयान जारी करके सबको चौंका दिया। प्रदेश प्रवक्ता ने बाकायदा वीडियो संदेश जारी कर मुस्लिम समाज से ज्ञानवापी मस्जिद को हिंदू पक्ष को सौंप देने की अपील की है। अपने बयान में प्रदेश प्रवक्ता ने ये भी कहा कि इसके बाद काशी विश्वनाथ धाम का स्वरूप और भी भव्य हो जाएगा।
कुछ दिनों पहले ही ओपी राजभर की परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से मुलाकात हुई थी। इसके बाद उनके भाजपा में जाने की चर्चाएं तेज हो गई थी। अब राजभर की पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह ने ज्ञानवापी मामले में बयान देकर इन चर्चाओं को और हवा दे दी है। दरअसल श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन पूजन को लेकर वाराणसी के सिविल जज के आदेश पर सर्वे का कार्य कराया जा रहा है। लेकिन मुस्लिम पक्ष के लोग इस सर्वे का लगातार विरोध कर रहे हैं। किसी भी राजनीतिक दल की ओर महौल को देखते हुए कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है। लेकिन राजभर के पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता की ओर से मुस्लिम पक्ष के लोगों से अपील की गई कि वो मस्जिद पर अपना दावा छोड़ दें।
ज्ञानवापी मस्ज़िद पर से मुस्लिम छोड़ दे दावा, देख के लगता है मन्दिर का ऊपरी हिस्सा तोड़ा गया था
सुभासपा प्रदेश प्रवक्ता शशिप्रताप सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वाराणसी के बाबा विश्वनाथ मंदिर के बगल में बना हुआ ज्ञानवापी मस्जिद वास्तव में कभी मंदिर था। इस मस्जिद को ध्यान से देखें तो लगता है कि किसी जमाने में मंदिर का ऊपरी हिस्सा को तोड़कर मस्जिद का ढांचा बनाया गया है। इस मंदिर के बारे में पूर्वजों का कहना है कि मंदिर के अंदर श्रृंगार गौरी माता का मूर्ति स्थापित थी। शायद आज भी ज्ञानवापी में वह मूर्ति स्थापित है। बाहरी दीवार देखेंने से तो शुद्ध रूप से वह मंदिर का ही डिजाइन दिखाई देता है।
सुप्रीम कोर्ट से अपील है कि हस्ताक्षेप करें
शशिप्रताप सिंह ने कहा कि मेरी अपील है, सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप कर हिंदुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए मां श्रृंगार गौरी के मंदिर को हिंदुओं के हाथ में देने की प्रक्रिया शुरू करें। उन्होंने कहा कि बनारस शहर में अनगिनत मस्जिद है। ज्ञानवापी मस्जिद के लिए मुस्लिम पक्ष को कहीं और प्रदेश सरकार को जमीन देना चाहिए। बनारस पूरे दुनिया में गंगा जमुना तहजीब और राम रहीम सद्भावना भाईचारा के नाम पर प्रसिद्ध है। दोनों समाज के आस्था को ध्यान में रखते हुए सही फैसला कोर्ट करें। मुसलमान भाइयों को जिद छोड़ कर उस मस्जिद के प्रांगण को हिंदू भाइयों को दे देना चाहिए, जिससे बाबा का दरबार को और भी व्यवस्थित और भव्य बनाया जा सके।
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