सार
थाना जगदीशपुरा के मालखाने में 25 लाख की चोरी के आरोप में सफाईकर्मी अरुण नरवार पकड़ा गया था। इसके बाद उसकी मौत हो गई थी। परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था।
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आगरा के थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के मामले में हिरासत में लिए गए सफाईकर्मी अरुण नरवार की मौत के केस में पुलिस को क्लीन चिट मिल गई। मामले की जांच कासगंज पुलिस ने की थी। इसमें ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला, जिसमें हिरासत में पिटाई की पुष्टि हुई हो। इस पर हत्या के मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई।
17 अक्तूबर 2021 को थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी का मामला सामने आया था। रुपये बक्से में रखे थे। बक्सा खुला मिलने पर जानकारी हो सकी थी। इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने शक के आधार पर 19 अक्तूबर 2021 को थाना के अस्थायी सफाईकर्मी अरुण नरवार को ताजगंज क्षेत्र से हिरासत में लिया था। वह लोहामंडी का रहने वाला था। उसे थाने लाया गया था। पुलिस ने उनसे अवधपुरी पुलिस चौकी में पूछताछ की थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आई थी मौत की यह वजह
20 अक्तूबर 2021 की सुबह तबियत बिगड़ने पर पुलिसकर्मी अस्पताल ले गए थे, जहां अरुण की मौत हो गई थी। परिजनों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई से मौत का आरोप लगाया था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था। इसमें मौत की वजह हृदयाघात से होना आया था।
साथ ही रिपोर्ट में शरीर पर चार जगह चोट होना भी आया था। नितंब पर चोट के दो नीले निशान और पैरों में खरोंच थीं। मामले में मृतक के भाई सोनू की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें पुलिसकर्मियों पर कड़ाई और बदसलूकी से पूछताछ के कारण मौत के आरोप लगाए गए थे।
साक्ष्य के आधार पर लगाई फाइनल रिपोर्ट : एसपी
एसपी कासगंज बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि विवेचक निरीक्षक ओमप्रकाश सिंह ने परिजनों के बयान लिए थे। उन्होंने शपथपत्र दिए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर विशेषज्ञों की राय ली गई। इसमें ऐसी कोई चोट अरुण के शरीर पर नहीं थी, जिससे मौत हो जाए। हृदयाघात से मौत होना ही पाया गया। पिटाई से मौत के कोई साक्ष्य नहीं मिले। इस पर केस में हाल में साक्ष्यों के आधार पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई है।
ये हुए थे निलंबित
तत्कालीन एसएसपी मुनिराज जी ने थाने के मालखाने से चोरी के मामले में थाना प्रभारी निरीक्षक अनूप कुमार तिवारी, रात्रि अफसर एसआई रामनिवास, आरक्षी जितेंद्र सिंह, सुखवीर सिंह, हेड मोहर्रिर प्रताप भान सिंह और महिला सिपाही साजदा को निलंबित किया था। वहीं सफाईकर्मी की मौत के मामले में अपराध खुफिया शाखा के प्रभारी निरीक्षक आनंद कुमार साही, एसआई योगेंद्र कुमार, सिपाही महेंद्र, सत्यम और रूपेश को निलंबित किया था।
हिरासत में मौत के मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचना अलीगढ़ परिक्षेत्र स्थानांतरित की गई थी। आईजी अलीगढ़ ने विवेचना कासगंज भेजी थी। एसपी कासगंज बोत्रे रोहन प्रमोद ने विवेचना तत्कालीन निरीक्षक थाना ढोलना ओपी सिंह को दी थी। उन्होंने परिजनों के बयान दर्ज किए थे। घटनास्थल का निरीक्षण भी किया था।
15 लाख रुपये बरामद करने का था दावा
तत्कालीन एसएसपी मुनिराज जी ने घटना के बाद बताया था कि अरुण ने चोरी करना कबूल किया था। इस पर बुधवार तड़के पुलिस उसे घर ले गई थी। 15 लाख रुपये बरामद किए थे, तभी उसकी तबीयत बिगड़ी थी। पुलिसकर्मी और परिजन उसे अस्पताल ले गए थे, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। वाल्मीकि जयंती पर घटना से पुलिस की टेंशन बढ़ गई थी। पूरे शहर में जगह-जगह फोर्स तैनात की गई थी।
पुलिस बरामद नहीं कर सकी दस लाख रुपये
थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख की चोरी हुई थी। पुलिस ने 15 लाख रुपये बरामद करने का दावा किया था। इसके बाद दस लाख रुपये कहां चले गए, यह आज तक पता नहीं चल सका। इस केस की विवेचना भी की जा रही थी। मगर, अभी विवेचना पूरी नहीं हो सकी है।
विस्तार
आगरा के थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के मामले में हिरासत में लिए गए सफाईकर्मी अरुण नरवार की मौत के केस में पुलिस को क्लीन चिट मिल गई। मामले की जांच कासगंज पुलिस ने की थी। इसमें ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला, जिसमें हिरासत में पिटाई की पुष्टि हुई हो। इस पर हत्या के मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई।
17 अक्तूबर 2021 को थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी का मामला सामने आया था। रुपये बक्से में रखे थे। बक्सा खुला मिलने पर जानकारी हो सकी थी। इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने शक के आधार पर 19 अक्तूबर 2021 को थाना के अस्थायी सफाईकर्मी अरुण नरवार को ताजगंज क्षेत्र से हिरासत में लिया था। वह लोहामंडी का रहने वाला था। उसे थाने लाया गया था। पुलिस ने उनसे अवधपुरी पुलिस चौकी में पूछताछ की थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आई थी मौत की यह वजह
20 अक्तूबर 2021 की सुबह तबियत बिगड़ने पर पुलिसकर्मी अस्पताल ले गए थे, जहां अरुण की मौत हो गई थी। परिजनों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई से मौत का आरोप लगाया था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था। इसमें मौत की वजह हृदयाघात से होना आया था।
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