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पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा अन्तर्विभागीय समन्वय एवं व्यापक जन सहभागिता से 35 करोड़ पौध रोपित करने का लक्ष्य

विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी प्रदेश में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा अन्तर्विभागीय समन्वय एवं व्यापक जन सहभागिता से 35 करोड़ पौध रोपित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वृक्षारोपण अभियान के अन्तर्गत 14 करोड़ पौध पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा एवं 21 करोड़ पौध 26 राजकीय विभागों द्वारा रोपित की जायेंगी। वृक्षारोपण कार्यक्रम की रणनीति तैयार करने, सुचारू रूप से संचालन एवं विभागों के मध्य समन्वय स्थापित करने हेतु प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला वृक्षारोपण समिति का गठन किया गया है। जिला वृक्षारोपण समिति का संयोजन सम्बन्धित जनपद के प्रभागीय वनाधिकारी/प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी द्वारा किया जायेगा। कार्यदायी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी समिति के सदस्य हैं।
अमृत महोत्सव उद्यान की स्थापना महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थलों (सामुदायिक भूमि, राजकीय भूमि, सरकारी/अर्द्धसरकारी भवनों के परिसर), नगर वाटिका, नगर वन, शहर में अवस्थित अथवा निर्मित किये जा रहे उद्यान में की जायेगी। इस वर्ष किये जाने वाले वृक्षारोपण क्षेत्र के एक अलग भाग में भी अमृत महोत्सव उद्यान स्थापित किया जाना प्रस्तावित हैं। क्षेत्र चयन में ऐसे क्षेत्र को वरीयता दी जायेगी जो पूर्व से पूर्ण या आंशिक रूप से दीवार, तारवाड़, घेरबाड़ से सुरक्षित हो। अन्यथा की स्थिति में वृक्षारोपण सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्था की जायेगी। 75 पौधों के अमृत महोत्सव उद्यान हेतु विभिन्न प्रजाति (विकल्प के अनुसार) 0.35 हेक्टेयर से 0.75 हेक्टेयर क्षेत्र की भूमि की आवश्यकता होगी। प्रदेश में नए बनाए जा रहे अमृत सरोवरों के किनारे भी वृक्षारोपण कार्य किया जायेगा।
अमृत महोत्सव उद्यान के प्रकार निम्नानुसार है:-
पण् ग्राम सभा/ग्राम पंचायत- रोपित किये जाने वाले पौध की संख्या – 75
पपण् नगर पंचायत – रोपित किये जाने वाले पौध की संख्या – 75
पपपण् म्युनिसिपल बोर्डस – रोपित किये जाने वाले पौध की संख्या – 750/75
पअण् म्युनिसिपल कारपोरेशन – रोपित किये जाने वाले पौध की संख्या – 750

रोपित किये जाने वाले पौध लम्बी जीवितिता के देशीय/स्थानीय पौध होंगे। मुख्य रूप से फलदार, छायादार, औषधीय, प्रकाष्ठ, पर्यावरणीय तथा सांस्कृतिक महत्व के प्रजातियों के पौधे लगाये जायेगे। राष्ट्रीय वृक्ष बरगद ;थ्पबने इमदहींसमदेपेद्ध आवश्यक रूप से लगाये जायेंगे तथा राज्य वृक्ष अशोक ;ैंतंबं ंेवबंद्ध कृषि जलवायु उपयुक्तता के आधार पर लगाये जायेंगे। रोपित किये जाने वाले पौध पूर्णरूप से स्वस्थ एवं अच्छी ऊँचाई के होंगेे। रोपित किये जाने वाली प्रजातियों का विवरण संलग्न किया जा रहा है।
‘‘अमृत महोत्सव उद्यान‘‘ की सुरक्षा प्रभावी घेरबाड के माध्यम से सुनिश्चित की जायेगी। उद्यान के पौधों हेतु पाँच वर्ष तक पूर्ण सुरक्षा एवं सघन देखरेख का प्राविधान रखा जाये तथा उसके उपरान्त न्यूनतम पाँच वर्षों तक सामान्य सुरक्षा की व्यवस्था रखी जायेगी। क्वअमजंपसपदह के माध्यम से वित्तीय व्यवस्था कराते हुए ‘‘अमृत महोत्सव उद्यान‘‘ की स्थापना एवं सुरक्षा करना सुनिश्चित किया जायेगा।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उ0प्र0 श्रीमती ममता संजीव दूबे ने समस्त प्रभागीय वनाधिकारियों/प्रभागीय निदेशकों सहित समस्त वरिष्ठ अधिकारियों को वृक्षारोपण अभियान के अन्तर्गत अमृत महोत्सव उद्यान की स्थापना हेतु समयबद्ध रूप से तैयारियां करने के निर्देश दिये हैं।