आप जिस स्कूल बस में अपने लाड़ले को स्कूल भेज रहे हैं उसकी फिटनेस और सीटें वगैरह परख लें। आगरा में 384 स्कूली बसें फिटनेस खत्म होने के बाद भी नौनिहालों को लाने ले जाने में लगी हुई हैं। किसी बस में ज्यादा बच्चों को बिठाने के लिए सीटें हटाकर बेंच लगा दी गई हैं तो कोई कबाड़ घोषित होने के बाद भी सड़कों पर फर्राटा भर रही है। स्पीड गवर्नर और फायर सेफ्टी सिस्टम भी गायब है।पड़ताल में स्कूली बसों में यह खामियां सामने आईं।
यह मिलीं खामियां
आरटीओ के बाहर खड़ी एक स्कूल की बस की हालत खस्ता थी। इसमें सीटों को हटाकर लकड़ी की बेंच लगाई गई थीं। फायर सेफ्टी सिस्टम, फिटनेस और स्पीड गवर्नर भी गायब मिला। पिछले हिस्से पर लिखे महत्वपूर्ण मोबाइल नंबर अस्पष्ट थे। बैक लाइट टूटी हुई थीं।
मारुति एस्टेट रोड पर स्कूल बस में मेडिकल बॉक्स नहीं मिला। सीटों के कवर फटे हुए थे और पंखा गिरासू हालत में लटका हुआ था। बाहरी चादर भी पीछे से कटी हुई थी।
एक स्कूली वैन की फिटनेस दो साल पहले खत्म हो गई, मगर वह दौड़ती मिली।
15 साल की आयु पूरी करके कबाड़ हो चुकीं बस भी सड़क पर मिली।
यह होने चाहिए मानक
प्रत्येक स्कूल बस पर स्कूल का नाम व टेलीफोन नंबर लिखा होना चाहिए।
स्कूल बस में बच्चों की सूची, नाम, पता, कक्षा, ब्लड ग्रुप व रूट चार्ट होना चाहिए।
स्कूल बस में चालक के अलावा सहायक, सहायिका की मौजूदगी होनी चाहिए।
चालक और सहायक चालक की ड्रेस होनी चाहिए।
अग्निशमन यंत्र होना चाहिए। चालक केबिन में आपातकालीन गेट।
फर्स्ट एड बाक्स होना चाहिए। गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा हो। स्पीड गवर्नर लगा हो।
स्कूल बस की खिड़कियों पर वार (लोहे की राड) लगी होनी चाहिए।
बस के पीछे सभी इमरजेंसी नंबर लिखे होने चाहिए।
चालक के पास लाइसेंस, परिचय पत्र होना चाहिए।
खामियां मिल रही हैं, बंद कर रहे गाड़ियां
आरटीओ (प्रवर्तन) केडी सिंह ने बताया कि स्कूली बसों की चेकिंग की जा रही है। खामियां लगातार मिल रही हैं। फिटनेस व अन्य कमियों पर 150 बसों के चालान भी किए गए हैं। अनफिट बसों के लिए संबंधित स्कूलों को नोटिस भी दिए जा चुके हैं। टीमें कार्रवाई कर रही हैं।
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