राज्य सरकार द्वारा खरीद लगातार अतीत का रिकॉर्ड तोड़ रही है
बहुत सारी शताब्दियाँ। इसी क्रम में योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार
आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों को 1.71 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड भुगतान किया है।
गन्ना राज्य की सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसल है। लगभग 65 लाख किसान हैं
राज्य में गन्ने की खेती से जुड़े हैं। योगी के नेतृत्व वाली सरकार ने हमेशा
राज्य के किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी।
उत्तर प्रदेश में 45.74 लाख से अधिक गन्ना किसानों को रिकॉर्ड गन्ने का भुगतान किया गया है
2017 से अप्रैल 2022 तक 1,70,938.95 करोड़ रुपये से अधिक का मूल्य भुगतान जो
सरकार के किसान हितैषी रुख को दर्शाता है।
भुगतान पूर्व बहुजनों द्वारा की गई राशि से तीन गुना अधिक है
समाजवादी पार्टी की सरकार और समाजवादी पार्टी से 1.5 गुना ज्यादा
सरकार।
सीएम ने विभाग के अधिकारियों को गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं
अगले 100 दिनों के भीतर 8,000 करोड़ रुपये और 12,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है
छह महीने के लिए।
विभाग गन्ने की उत्पादकता बढ़ाने के लिए भी प्रयास कर रहा है
अगले पांच वर्षों में वर्तमान 81.5 टन प्रति हेक्टेयर से 84 टन प्रति हेक्टेयर।
दरअसल, मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि गन्ना मूल्य भुगतान होना चाहिए
किसानों को बिना किसी देरी के 14 दिनों के भीतर किया जाना है।
पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी कर दी गई है
डिजिटल सर्वे कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने सहकारी चीनी मिलों के उन्नयन के भी निर्देश दिए हैं
बिलासपुर (रामपुर), सेमीखेड़ा (बरेली), पूरनपुर (पीलीभीत), नैनोटा का सुदृढ़ीकरण,
साठा और सुल्तानपुर चीनी मिलों के लोक कल्याण संकल्प पत्र में वादे के अनुसार
दल।
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