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आजादी के अमतृ महोत्सव सगं पर्या वरण की भी चि तं ा

आजादी के अमतृ महोत्सव सगं इस बार योगी सरकार पर्या वरण की भी चि तं ा करेगी। इस दौरान हर ग्राम समाज
और उनमेंआनेवालेधर्म या पवि त्र स्थलों पर 75-75 बहुपयोगी पौधेलगाए जाएंगे। लगनेवालेपौधों मेंसे15 धर्म
या पवि त्र स्थलों पर लगेंगे। बाकी ग्राम समाज में। जि न पौधों का पौध रोपड़ होना हैउसमेंअपनेऔषधीय गणु ों की
वजह सेचमत्कारि क (मि रैकि ल) कहेजानेवालेसहजन के अलावा वहां की कृषि जलवायुक्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट
जोन) के अनसु ार अधि क छाया देने वाले, अधि क ऑक्सीजन उत्सर्जि तर्जि करनेवालेएवं फलदार पौधों (पीपल,
पाकड़, बरगद, नीम, बेल, आवं ला, कटहल और आम ) को शामि ल कि या गया है। इन पौधों के सरं क्षण पर भी परूा
ध्यान होगा। लोग पौधरोपण के इस अभि यान से जड़ु।े इनको अपना मानते हुए इनकी जरूरत के अनसु ार
समय-समय पर देखभाल भी करें इसलि ए इसमें स्थानीय जनप्रति नि धि यों एवं जनता को भी शामि ल कि या
जाएगा। मख्ु यमत्रं ी योगी की इस एक पहल सेप्रदेश के करीब 10 लाख गावों में75 लाख पौधेलग जाएंगे। इसके
अलावा हरि याली बढ़ानेके लि ए अगले6 महीनों में13 जि लों में25 नगर वन/नगर वाटि काओंकी स्थापना, गगं ा
के कि नारे503 जगहों पर 6759 हेक्टेयर मेंवनीकरण और 15 जि लों मेंफ़ूड फारेस्ट वि कसि त करनेकी है।
इसी तरह इस दौरान बदंू -बदंू सहेजनेके लि ए आजादी के अमतृ महोत्सव के उपलक्ष्य मेंप्रदेश के सभी (75) जि लों
मेंअमतृ सरोवर के नाम से75-75 (कुल 5625) नए तालाब खोदेजानेया परुानेतालाबों का पनु रोद्धार करनेकी
योजना इसी का सबतू है।
यह एक तरीके सेहर जि लेमेंपानी की खेती या बदंू -बदंू सहेजनेके सि लसि लेवार अभि यान की ही कड़ी है। वही
अभि यान जो 2017 मेंपहली बार मख्ु यमत्रं ी बननेके बाद बदंुेलखडं और वि ध्ं य क्षेत्र को सखू ेसेनि जात दि लानेके
लि ए खेत-तालाब योजना के जरि ए शरूु कि या गया था। इस योजना के तहत अब तक लगभग 5000 तालाबों की
खदुाई की जा चकु ी है। तालाबों की खोदाई के लि ए सरकार 50 फीसदी का अनदुान भी देती है।
बाद मेंइसी मकसद सेमख्ु यमत्रं ी नेनदि यों के पनु रूद्धार की योजना भी शरूु की। इससेअब तक करीब दो दर्जनर्ज
वि लप्ुतप्राय नदि यों को पनु र्जी वन मि ल चकु ा है।
नदि यों के कि नारेबाढ़ एवं सखू ेसेराहत दि लानेके लि ए बहुउद्देश्यीय तालाबों और गगं ा के कि नारेगगं ा तालाबों
की परि कल्पना के पीछेभी यही सोच थी। अब तक गगं ा के कि नारेइस योजना के तहत 500 सेअधि क तालाबों की
खदुाई की जा चकु ी है। अटल भजू ल योजना भी पानी के प्रबधं न की ही एक कड़ी थी। ऐसेही समन्वि त प्रयासों की
वजह सेउत्तर प्रदेश को जल प्रबधं न के लि ए 29 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोवि दं के हाथों परुस्कृत भी कि या
गया।
मालमू हो कि पानी के लि हाज सेउत्तर प्रदेश खासा समद्ृ ध है। प्रदेश की औसत बारि श 990 मि मी है। देश की पचं
नदि यों मेंसेगगं ा, यमनु ा और सरयूउत्तर प्रदेश मेंही हैं। ऐसेमेंयहां पानी के सरं क्षण सेअधि क जरूरी उपलब्ध
पानी का प्रबधं न है। इसी मेंबाढ़ और सखू ेका स्थायी समाधान भी है। योगी सरकार लगातार यही कर रही है।
अमतृ सरोवर के बाबत गत दि नों मख्ु यमत्रं ी नेजो नि र्देश दि या उसके पीछेभी यही मशं ा है।
मालमू हो कि 12 अप्रलै को उच्चाधि कारि यों के साथ हुई बठै क मेंमख्ु यमत्रं ी नेअमतृ सरोवर के बाबत नि र्देश दि या
था। येतालाब एक पथं कई काम का जरि या बनेंगे। येभमिूमिगत जल का स्तर ठीक रखनेमेंमददगार होंगे। इनकी
खोदाई या पनु रोद्धार के दौरान स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सजिृजित होंगे। चकिंूकि इन तालाबों का नाम
कि सी स्थानीय स्वतंत्रता सग्रं ाम सेनानी के नाम सेहोगा। लि हाजा यह स्थानीय लोगों को अपनेइति हास का

गौरवबोध कराएगा। साथ ही यह भी याद दि लाएगा कि आजादी यूही नहीं मि ली। इसके लि ए बहुतों नेअपना सब
कुछ न्यौछावर कि या था।
मख्ु यमत्रं ी का साफ नि र्देश था कि नाम (अमतृ सरोवर) के अनरूु प ये तालाब साफ-सथु रे होने चाहि ए। यह
सनिुनिश्चि त कि या जाना चाहि ए कि इसमेंकि सी भी तरह की गदं गी न जाए। स्थानीय जलवायुके अनसु ार इनके
जविैविक वि वि धता का भी ख्याल रखा जाय ताकि येस्थानीय लोंगों के आकर्षणर्ष का भी केंद्र बनें।