आगरा के लेडी लॉयल अस्पताल के 100 बेड के मैटरनिटी विंग में व्यवस्थाएं बदहाल हैं। यहां पर डिस्चार्ज हो चुकी प्रसूताएं कागज तैयार होने तक जमीन पर लेटने को मजबूर हैं। खून की जांच कराने आईं गर्भवती महिलाएं भी सीट नहीं होने पर जमीन पर ही बैठने को मजबूर हैं। शनिवार को 100 बेड के मैटरनिटी विंग में ग्राउंड फ्लोर पर तीन-चार प्रसूताएं जमीन पर लेटी हुई थीं।
उन्होंने बताया कि डिस्चार्ज करने के दो-तीन घंटे बाद कागज तैयार होते हैं, ऐसे में जमीन पर ही लेट जाती हैं। मैटरनिटी विंग की दूसरी मंजिल पर खून की जांच कराई जा रही है, रोजाना 250 से अधिक गर्भवती महिलाओं के रक्त की जांच होती है। सैंपल लेने के लिए दो से तीन घंटे का समय लगता है। यहां पांच-छह सीटें ही हैं, बाकी की गर्भवती महिलाएं जमीन पर बैठती हैं।
जमीन पर ही लिटाना पड़ा
ग्वालियर रोड की कुंवर देवी की बेटी की तीन दिन पहले डिलीवरी हुई। शनिवार की दोपहर डिस्चार्ज कर दिया गया। डिस्चार्ज के कागज बनाए जा रहे थे। बैठने और खड़े रहने में दिक्कत हो रही थी। ऐसे में जमीन पर चटाई बिछाकर लिटाना पड़ा। कुंवर देवी का कहना है कि कागज बन जाने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाना चाहिए।
व्हील चेयर भी नहीं मिली
नैनाना जाट की पुष्पा देवी ने बताया की बहू को दोपहर करीब एक बजे डिस्चार्ज किया गया। वार्ड ब्वॉय नहीं मिला तो दूसरी मंजिल से नीचे तक खुद ही लेकर आए। तेज धूप थी में गेट के बाहर खड़ी एंबुलेंस तक पैदल ही जाना पड़ा। स्टाफ ने सहायता नहीं की। व्हील चेयर भी नहीं मिल पाई।
नमूना देने के लिए तीन घंटे लगते हैं
बल्केश्वर निवासी पिंकी देवी खून की जांच कराने के लिए सुबह 10 बजे आईं। उन्होंने बताया कि सैंपल के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। गर्भवती महिलाओं के बैठने के लिए सीटें भी नहीं हैं। ऐसे में जमीन पर ही बैठना पड़ता है, जिससे परेशानी होती है।
यहां स्ट्रेचर की व्यवस्था भी नहीं है
नामनेर के रहने वाले वकील खान ने कहा कि चलने-फिरने में लाचार गर्भवती महिलाओं को भर्ती कराने के लिए स्ट्रेचर भी नहीं मिलते हैं। बमुश्किल खुद ही जैसे-तैसे लगकर जाना होता है। मेरी पत्नी को भी ऐसे ही भर्ती किया, शुक्रवार को डिस्चार्ज हो गई।
पैथोलॉजी लैब में बेंच लगवाएंगे
लेडी लॉयल अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि पैथोलॉजी लैब पर बैठने के लिए बेंच और सीटें लगाई जाएंगी। नमूने लेने में तेजी बरतने को भी निर्देशित कर दिया है। चलने-फिरने में परेशान गर्भवती-प्रसूताओं को सहारा देने के लिए नर्सिंग स्टाफ तैनात है, इनको हिदायत देता हूं।
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