इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मना करने केबावजूद परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से यूपीटेट 2021 में फिर से सवाल क्यों पूछे गए। परीक्षा नियामक प्राधिकारी इस पर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करें। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 12 मई की तिथि सुनिश्चित की है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने सत्येंद्र कुमार यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याची के अधिवक्ता अनुराग अग्रहरी की ओर से तर्क दिया गया कि परीक्षा नियामक ने यूपीटेट 2017 में जिन प्रश्नों को पूछा था। उन प्रश्नों को दोबारा 2021 के यूपीटेट में पूछ गया। जबकि, हाईकोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने आदेश दिया था कि 2017 के प्रश्नों को दोबारा न पूछा जाए और तीन गलत प्रश्नों पर सभी अभ्यर्थियों को कॉमन अंक प्रदान किया जाए।
परीक्षा नियामक ने कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना की है। अधिवक्ता ने तर्क दिया कि 2017 में यूपीटेट परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद अभ्यर्थियों की ओर से कुल छह प्रश्नों पर आपत्ति जताई गई थी। दो जजों की पीठ ने सुनवाई करते हुए तीन प्रश्नों को गलत पाया था। इस पर पीठ ने तीन गलत प्रश्नों के नंबर सभी अभ्यर्थियों को देने का आदेश दिया था। आयोग ने यूपीटेट 2021 में भी उन तीन प्रश्नों को फिर से पूछ लिया। परीक्षा नियामक आयोग ने गलती की है। कोर्ट ने इस पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी से जवाब दाखिल करने को कहा है।
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