15 साल पुराने मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। 2007 में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मोहल्ला हुसैनी में सांप्रदायिक एवं उत्तेजक भाषण देने पर उप जिलाधिकारी ने मामला दर्ज कराया था। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमरीष त्रिपाठी ने आदेश जारी किया है।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां के खिलाफ शुक्रवार को एसीजेएम न्यायालय ने गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह आदेश अप्रैल 2007 में विधानसभा चुनाव के समय पूर्व मंत्री द्वारा दिए गए भड़काऊ और उत्तेजक भाषण देने के मामले में न्यायालय दिए हैं। उन्होंने 30 अप्रैल 2022 तक न्यायालय में पेश करने के आदेश पुलिस को दिए हैं। यह आदेश उच्च न्यायालय की ओर से लिए स्थगनादेश की समय सीमा समाप्त होने और पूर्व मंत्री के अधिवक्ता की ओर से कोई जवाब दाखिल न किए जाने के कारण जारी किया गया है।
आचार संहिता का किया था उल्लंघन
दो अप्रैल 2007 को सपा नेता मोहम्मद आजम खां थाना रसूलपुर क्षेत्र के हुसैनी वाला रास्ते पर सपा प्रत्याशी के समर्थन में सभा को संबोधित करने आए थे। सपा प्रचारक के रूप में उन्होंने काफी उत्तेजक और भड़काऊ भाषण देकर आचार संहिता का उल्लंघन किया था। अफसरों ने भाषण की सीडी देखने के बाद तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से चार अप्रैल को थाना रसूलपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया था। थाना पुलिस ने मामले की जांच रिपोर्ट न्यायालय को सौंप दी थी।
गिरफ्तारी वारंट जारी
इधर गिरफ्तारी के मामले में पूर्व मंत्री उच्च न्यायालय से स्थगनादेश प्राप्त कर लिया था। मामला एसीजेएम (अपर मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट) अम्बरीश त्रिपाठी के न्यायालय में चल रहा था। स्थगनादेश की तिथि समाप्त होने के बाद भी पूर्व मंत्री के अधिवक्ता की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। इस पर एसीजेएम अम्बरीश त्रिपाठी ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां के गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।
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