लखनऊ: आईएएस, आईपीएस और आईबी अधिकारी बन नौकरी के नाम पर 250 बेरोजगारों को ठगने वाले एक जालसाज को यूपी एसटीएफ ने बुधवार को विभूतिखंड इलाके से गिरफ्तार किया। कोविड काल में आरोपित ने एनआईसी स्टेट हेड बनकर डेटा एंट्री की नौकरी के नाम पर भी सैकड़ों बेरोजगारों से ठगी कर चुका है।
एसटीएफ से मिली जानकारी के अनुसार, 22 अक्टूबर 2021 को विभूतिखंड थाने में प्रवेश पासवान ने प्रतीक मिश्रा नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। आरोप था प्रतीक ने एनआईसी अधिकारी बनकर नौकरी के नाम पर 16 लोगों से रुपये ऐंठे थे। ठग ने पत्नी ज्योति मिश्रा के साथ मिल कर युवकों की नौकरी एनआईसी में लगवाने की बात कही थी। इस मामले में बुधवार को यूपी एसटीएफ ने संतकबीर नगर निवासी प्रतीक मिश्रा को पिकप भवन के पास से पकड़ा है। आरोपित के पास से दो मोबाइल फोन, आईपीएस का फर्जी आईडी कार्ड, एक लैपटॉप, आधार कार्ड की छाया प्रति और भारी मात्रा में फर्जी नियुक्ति पत्र मिले हैं। मौजूदा वक्त में प्रतीक मानकनगर में रहता है।
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसने साइबर सल्यूशन के नाम से एक कंपनी खोली थी। कंपनी के माध्यम से वह लोगों को नौकरी दिलवाने का दावा करता था। इस बीच कोविड महामारी शुरू होने के बाद उसने सोशल मीडिया के जरिए कई लोगों से संपर्क कर वर्क फ्रॉम होम के जरिए डेटा एंट्री का काम दिलवाने की बात कही थी, जिसके बदले प्रति व्यक्ति करीब 25 हजार रुपये लिए गए थे। एक बार खाते में रुपये आने के बाद उसने कंपनी बंद करने के साथ ही फोन नंबर भी बदल लिया था। आरोपित वर्ष 2019 में लखनऊ आया था। यहां आने के बाद उसने रिश्तेदार और परिचितों को बताया था कि उसका चयन आईपीएस के लिए हो गया था। अब वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर नौकरी भी लगवा सकता है। यह दावा करते हुए उसने नगर निगम और पुलिस विभाग में भर्ती करवाने के नाम पर कई लोगों से रुपये ऐंठे थे, लेकिन किसी की भी नौकरी नहीं लगी थी। इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान दिलाने का झांसा देते रुपये ऐंठे थे।
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