मैनपुरी: बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित विद्यालयों में बच्चों को प्रतिदिन दोपहर में मध्याह्न भोजन योजना के तहत निः शुल्क भोजन दिया जाता है। अधिकांश स्कूलों में शिक्षक गुणवत्ता चेक करने को लेकर खाना खा लेते हैं। अब उन्हें इसके लिए 25 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से चुकाने होंगे। ये आदेश मुख्य विकास अधिकारी ने जारी किया है।
जिले में 1909 बेसिक शिक्षा परिषद की ओर विद्यालय संचालित हैं। इनमें सप्ताह के हर दिन मीनू के अनुसार अलग-अलग पौष्टिक खाना बच्चों को दिया जाता है इसमें फल और दूध भी शामिल है। अधिकांश स्कूलों में बच्चों के लिए बनने वाले मिड-डे-मील का खाना शिक्षक भी मौज से खाते हैं। योजना बच्चों के लिए संचालित है। इसके चलते मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने सख्ती दिखाई है।
उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को जारी आदेश में कहा है कि अगर शिक्षक मिड-डे-मील से खाना खाते हैं तो उन्हें इसके लिए एक निश्चित धनराशि चुकानी होगी। ये धनराशि उन्होंने प्रतिदिन के लिए 25 रुपये निर्धारित की है। ये धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में जमा करानी होगी। बाद में इस धनराशि का प्रयोग विद्यालय के किसी कार्य में किया जा सकेगा। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन योजना संचालित है। इसमें कहीं भी शिक्षकों के भोजन का प्रावधान नहीं हैं। अगर शिक्षक भोजन करना चाहते हैं तो न्यूनतम 25 रुपये जमा करने में उन्हें परेशानी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि 25 रुपये से सस्ता और कहां खाना मिल सकता है।
क्या कहते हैं मुख्य विकास अधिकारी
पूरे मामले पर मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने बताया जिलाधिकारी को अनुमोदन के लिए दिया गया है, अगर अनुमोदित करेंगे तो शुरू किया जाएगा। आदर्श व्यवस्था स्थापित करने के लिए है, यह कोई मुफ़्तख़ोरी नहीं है, अगर कोई खाता है तो 25 रुपये प्रतिदिन स्कूल मैनेजमेंट कमेटी में जमा कर दें। हमारा मकसद आदर्श व्यवस्था स्थापित करना है।
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