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गन्ना उत्पादन सम्बन्धी कार्यक्रमों में किये जा सकेंगे मौसम के अनुसार संशोधन

प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, श्री संजय आर भूसरेड्डी द्वारा प्रदेश के सभी उप गन्ना आयुक्तों एवं जिला गन्ना अधिकारियो को गन्ना विकास परिषदों मे दैनिक मौसम रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिये है। अब सभी गन्ना विकास परिषदों के स्तर पर मौसम की दैनिक रिकार्डिंग कर उसका लॉग अनुरक्षित रखा जाएगा, जिससे आवश्यकतानुसार मौसम के आंकड़ों का उपयोग कर विभागीय कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जा सके।
इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए श्री भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ने के उत्पादन एवं रिकवरी आदि पर जलवायु एवं मौसम की दशाओं का प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है, अर्थात प्रतिकूल मौसम की स्थिति में गन्ने के उत्पादन एवं चीनी के परते पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में मौसम का कोई अपना डाटास्रोत विभाग के पास उपलब्ध नहीं है जबकि मौसमी परिर्वतनों के कारण उत्पादन में साइक्लिक उतार चढ़ाव से चीनी का उत्पादन प्रभावित होता है और गन्ना तथा चीनी उत्पादन के पूर्वानुमान बनाने में भी कठिनाई होती है।
उन्होंने बताया कि इन सभी समस्याओं के निदान हेतु यदि गन्ना विकास परिषदों के स्तर पर मौसम की दैनिक रिकार्डिंग कर उसका लॉग अनुरक्षित रखा जाय तो मौसम के आधार पर सम्बन्धित चीनी मिल क्षेत्र में गन्ना एवं चीनी उत्पादन के सही पुर्वानुमान लगाकर गन्ना उत्पादन सम्बन्धी कार्यक्रमों में आवश्यकतानुसार संशोधन किये जा सकते है।
इस सम्बन्ध में समस्त परिक्षेत्रों को दिशा-निर्देश दिये गये हैं कि प्रत्येक गन्ना विकास परिषद में उपयुक्त स्थल का चयन कर, वहाँ दैनिक वर्षा हेतु रेन गेज, दैनिक तापमान हेतु मिनिमम-मैक्सिमम थर्मामीटर तथा दैनिक ह्यूमिडिटी रिकार्डिंग हेतु ड्राई एण्ड वेट बल्ब थर्मामीटर लगाकर वर्षा, तापमान तथा आद्रता की दैनिक रिकार्डिंग कराते हुए इसका लॉग अनुरक्षित करायेें।