सिख विरोधी दंगों में एसआईटी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पूर्वांचल के डॉन (एनकाउंटर में मारा जा चुका है) के कई रिश्तेदार भी दंगों में शामिल थे। वह सभी एक कांग्रेसी नेता के परिवार के थे। एसआईटी ने इस संबंध में गवाह और साक्ष्य जुटा लिए हैं।
दो वारदातों में ये दंगाई शामिल रहे थे, जिसमें पांच लोगों की हत्या की गई थी। अब ये सभी बेनकाब हो चुके हैं। दंगों के केसों की जांच कर रही एसआईटी ने गोविंद नगर थाने में दर्ज किए गए दो केसों की विवेचना की है, जिसमें केस नंबर 625/84 व 691/84 शामिल है।
जोगेंदर सिंह उनकी पत्नी शीला व दो बेटों के अलावा भगत सिंह को दंगाइयों ने मार दिया था। इन केसों की विवेचना कर रहे एसआईटी के सब इंस्पेक्टर एसपी सिंह ने बताया कि पूर्वांचल के माफिया के बहुत ही नजदीकी रिश्तेदार कानपुर में रहते हैं। दंगों के दौरान एक रिश्तेदार बड़ा कांग्रेसी नेता था। हालांकि अब वह कांग्रेसी नेता जीवित नहीं है। मगर अन्य वो कई लोग जीवित हैं जो दंगों में शामिल थे, इसमें कई उस माफिया के रिश्तेदार हैं।
अधिवक्ता ने भी किया था दंगाइयों का नेतृत्व
एसआईटी की जांच में सामने आया कि इन दोनों वारदातों में माफिया के रिश्तेदारों के अलावा एक अधिवक्ता भी शामिल था, जिसने दंगा भड़काने में बड़ी भूमिका निभाई थी। यही नहीं दंगाइयों की भीड़ का नेतृत्व भी उसने किया था। इस अधिवक्ता की भी तस्दीक एसआईटी ने कर ली है। उसके खिलाफ गवाह व सुबूत दोनों एसआईटी के पास हैं। इस पर शिकंजा कसना तय है।
कई जिलों के लोग शामिल थे, एक बाबा बन गया
इस केस में कई बाहरी लोग शामिल थे। एसआईटी के मुताबिक गोंडा, मेरठ के अलावा फैजाबाद के लोग शामिल थे। फैजाबाद का जो शख्स नरसंहार में था उसने अयोध्या जाकर बाबा का भेष बना लिया था। एसआईटी ने उसको भी खोज निकाला है। यहां तक कि एसआईटी वहां जाकर उसके बारे में पूरी जानकारी जुटाने के साथ फोटो आदि भी खींच रही है।
नरसंहार करने वालों का नाम बताया
किदवई नगर में दंगाइयों ने सतवीर सिंह व भूपेंदर सिंह समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी। एसआईटी इसी केस की विवेचना के सिलसिले में काफी समय से पंजाब में थी। केस के विवेचक एसपी सिंह ने बताया कि मंगलवार को सतवीर सिंह की बहन के नोएडा में बयान दर्ज किए गए। जिसमें उन्होंने करीब दस आरोपियों के नाम बताए। इसमें स्कूल संचालक व डेयरी मालिक का भी नाम शामिल है। टीम अब लौट आई है। एक अन्य टीम जल्द पंजाब रवाना होगी। जिसमें काकादेव संबंधी केसों की जांच की जाएगी।
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