लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में करारी हार के बाद से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर खूब चल रहा है। दोनों ही पार्टियां इस हार के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। दोनों पार्टियों का दावा भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) के साथ सांठगांठ का है। पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बसपा पर आरोप लगाया। इसके बाद मंगलवार को मायावती (Mayawati) ने भाजपा को मदद पहुंचाने के नाम पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) को ही घेर लिया। मायावती ने बिना नाम लिए अपर्णा यादव के भाजपा ज्वाइन करने के मामले पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव की भाजपा से मिलीभगत ही है कि अब अपने काम के लिए एक सदस्य को पार्टी में भेज दिया है।
यूपी चुनाव में बसपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। प्रदेश में कभी सत्ता में रहने वाली पार्टी को विधानसभा चुनाव में केवल एक सीट मिली है। वहीं, समाजवादी पार्टी 111 सीटों पर जीत दर्ज कर पाने में कामयाब रही। भाजपा को इस चुनाव में 255 सीटों पर जीत मिली। सपा गठबंधन को 125 और एनडीए को 273 सीटों पर जीत मिली है। इस प्रकार भाजपा गठबंधन इस चुनाव में एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापस लौटा है। इसने समाजवादी पार्टी की सत्ता में वापसी की उम्मीदों को चूर कर दिया। इसको लेकर अब सपा सीधे तौर पर बसपा पर निशाना साध रही है। वहीं, बसपा सुप्रीमो ने अखिलेश के साथ-साथ मुलायम सिंह यादव को भी घेर लिया है।
क्या कहा मायावती ने
मायावती ने सीधे तौर पर अखिलेश पर हमला बोल दिया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि उत्तर प्रदेश के अंबेडकरवादी लोग कभी भी सपा मुखिया अखिलेश यादव को माफ नहीं करेंगे। अखिलेश पर निशाना साधते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अपनी सरकार में अंबेडकरवादियों के नाम से बनी अधिकांश योजनाओं और संस्थानों के नाम बदल लिए। यह अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है।
अखिलेश पर निशाना साधते हुए मायावती ने लिखा कि बीजेपी से बसपा तो नहीं, बल्कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव खुलकर मिले हुए हैं। वर्ष 2017 के योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि मुलायम सिंह ने भाजपा के पिछले शपथ ग्रहण समारोह में अखिलेश को आशीर्वाद भी दिलाया है।
बिना नाम लिए अपर्णा पर बोला हमला
मायावती ने बिना नाम लिए अपर्णा यादव के भाजपा ज्वाइन करने के मामले पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव की भाजपा से मिलीभगत ही है कि अब अपने काम के लिए एक सदस्य को पार्टी में भेज दिया है। यह जग जाहिर है। दरअसल, यूपी चुनाव 2022 से ऐन पहले मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। इसको लेकर अब मायावती ने भी सवाल उठाए हैं।
अखिलेश ने पहले साधा था निशाना
अखिलेश यादव ने पहले बसपा सुप्रीमो पर निशाना साधा था। आजमगढ़ के अचानक दौरे पर पहुंचे अखिलेश ने बसपा पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी की हार पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि यह भाजपा की मिलीभगत से हुआ है। इसीलिए समाजवादी पार्टी अब अंबेडकरवादियों से गठबंधन कर रही है न कि बसपा से। मायावती अब इसी बयान पर हमला बोलती नजर आ रही हैं।
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