बांदा : बुंदेलखंड में व्यवसायिक खेती नहीं होती है। ज्यादातर किसान बारिश पर आधारित दो फसलें उगाते हैं। प्राकृतिक आपदा में फसलें नष्ट हो जाने पर बैंकों से किसान कर्ज लेने को मजबूर होते हैं। बैंक भी लक्ष्य हासिल करने को केसीसी के जरिए किसानों को कर्ज के मकड़जाल में फंसा रहे हैं। कर्ज अदायगी न कर पाने की स्थिति में यहां के किसान मौत को गले लगाने के लिए मजबूर होते हैं।
2,841 करोड़ 98 लाख रुपए का ऋण
बुंदेलखंड के जनपद बांदा में साल दर साल प्राकृतिक आपदा के चलते किसानों की फसल नष्ट हो जाती है। जिससे किसानों की स्थिति खराब हो जाती है। चित्रकूट धाम मंडल की बात करें तो मंडल के बांदा, चित्रकूट हमीरपुर और महोबा में पहले से ही बड़ी संख्या में किसान बैंकों के कर्जदार हैं। 1 वर्ष के दौरान चारों जिलों के 4,29991 किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड केसीसी के जरिए 2,841 करोड़ 98 लाख रुपए का ऋण लिया है। जबकि पिछले वर्ष 2020 में 2,16,986 किसानों ने 16 अरब 79 करोड़ 15 लाख रुपए का कर्ज लिया था। जो किसान कर्ज लेते हैं फसल से उसकी भरपाई करने में नाकाम रहते हैं। इनमें से लगभग 45 फीसदी किसान ही भाग्यशाली हैं जो बैंक का कर्ज वापस लौटाने में सफल हो जाते हैं।
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साढे़ तीन हजार किसान कर चुके हैं आत्महत्या
जो किसान कर्ज लौटाने में नाकाम रहते हैं उन्हें मजबूरन मौत को गले लगाना पड़ता है। फसल खराब होने पर और कर्ज वापस न कर पाने की स्थिति में पिछले तीन दशक में बुंदेलखंड में लगभग साढे़ तीन हजार किसान आत्महत्या कर चुके हैं। इस बारे में यहां के प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह का मानना है कि बुंदेलखंड में शायद ही कोई ऐसा किसान हो जिस पर बैंक का कर्ज न हो।
कर्ज वितरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए बैंक भी किसानों को कर्ज देने में एतराज नहीं करते हैं। इस क्षेत्र में साल में दो बार ही फसल होती है जबकि कर्ज का ब्याज दिन-रात बढता रहता है। उनका कहना है कि सरकार को चाहिए कि बुंदेलखंड में किसानों को बिना ब्याज के कर्ज दें। जिससे किसान को आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम न उठाना पड़े।
कर्ज न लौटाने पर ब्याज की दर 11 फीसदी
वहीं अग्रणी बैंक प्रकोष्ठ प्रबंधक राजीव आनंद का कहना है कि बैंक से कर्ज लेने वाले 60 फीसदी किसान कर्ज अदा नहीं कर पाते हैं। अगर समय पर कर्ज वापस कर दिया जाए तो सिर्फ 4 फीसदी ब्याज लगता है। लेकिन किसान समय से कर्ज वापस नहीं कर पाते जिससे ब्याज की दर 11 फीसदी तक हो जाती है।
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