धनबल और बाहुबल का खेल हर चुनाव में देखने को मिलता है। इस बार भी ऐसा हुआ। कई वीडियो सामने आए, जिसमें नेताओं द्वारा वोटर्स को पैसे बांटते हुए देखा जा सकता था। नतीजा आया तो धनबल की अहमियत भी मालूम चल गई। 403 में से 366 विधायक ऐसे चुने गए, जिनके पास एक करोड़ या इससे ज्यादा की संपत्ति है। मतलब 91 फीसदी करोड़पति विधायक इस बार विधानसभा पहुंचे हैं।
खैर, इन सबके बीच कुछ ऐसे नाम भी सामने आए, जिन्होंने चुनाव में प्रत्याशियों के साथ धनबल और बाहुबल को भी हराया। हम आपको ऐसे ही तीन नामों के बारे में बताने जा रहे हैं। ये यूपी विधानसभा में चुनकर जाने वाले सबसे गरीब विधायक हैं।
1. अनिल प्रधान (समाजवादी पार्टी) : चित्रकूट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे अनिल प्रधान यूपी के सबसे गरीब विधायक हैं। इनके पास महज 30 हजार 496 रुपये की संपत्ति है। अनिल के नाम खुद का न तो कोई घर है और न ही कोई जमीन। अनिल ने अपने हलफनामे में इसकी जानकारी दी है।
2. श्रवण कुमार निषाद (भाजपा) : गोरखपुर के चौरी-चौरा सीट से जीतने वाले भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी श्रवण कुमार निषाद यूपी के दूसरे सबसे गरीब विधायक हैं। श्रवण के पास कुल 72 हजार 996 रुपये की संपत्ति है। श्रवण ने बताया कि उनके नाम न तो कोई मकान है और न ही कोई जमीन है।
3. गुड़िया कठेरिया (भाजपा) : औरेया सीट से विधायक गुड़िया कठेरिया तीसरी सबसे गरीब विधायक हैं। गुड़िया के पास कुल 10.75 लाख रुपये की संपत्ति है। हालांकि, गुड़िया के नाम न तो कोई मकान है और न ही कोई जमीन।
टॉप-10 में इन विधायकों के नाम भी शामिल
सबसे गरीब विधायकों की टॉप-10 सूची में सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ सीट से अपना दल (सोनेलाल) के विधायक विनय वर्मा, आजमगढ़ के मुबारकपुर सीट से सपा विधायक अखिलेश, पीलीभीत के बरखेड़ा से भाजपा विधायक जयद्रथ, सिद्धार्थनगर के कपिलवस्तु से श्यामधनी राही, जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर से पंकज, चंदौली के चकिया से कैलाश और गाजीपुर के मोहम्मदाबाद से सुहैब उर्फ मन्नु अंसारी का नाम भी शामिल है। मन्नु बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे हैं।
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