हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में राठ विधानसभा की सुरक्षित सीट पर योगी का बुलडोजर चलने से न सिर्फ साइकिल पंक्चर हो गई, बल्कि इस बार एक गांव में चुनाव बहिष्कार के बावजूद बीजेपी की इस सीट पर वापसी हुई है। हालांकि, पार्टी को करीब 7.20 फीसदी वोटों का नुकसान हुआ है। लोधी समाज को साधने के लिए बेटी तुम्हारी, बहू हमारी का नारा भी साइकिल को रफ्तार नहीं दे सकी।
जिले की राठ विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक मनीषा अनुरागी पर बीजेपी ने दांव लगाया था। वहीं, अखिलेश यादव ने 30 घंटे के अंदर पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी का टिकट काटकर जातीय गेम में चन्द्रवती वर्मा पर दांव लगाया था। ये जालौन के गोरन गांव की रहने वाली हैं, जिसने लोधी जाति के हेमेन्द्र राजपूत के साथ लव मैरिज की थी। दलित जाति के लिए आरक्षित सीट पर टिकट मिलने के बाद चन्द्रवती के समर्थकों ने लोधी समाज को साधने के लिए बड़ा प्लान बनाते हुए नारा दिया था कि बेटी तुम्हारी, बहू हमारी।
इसके लिए चुनाव प्रचार के दौरान चन्द्रवती वर्मा अपने नाम के आगे राजपूत जोड़कर साइकिल को रफ्तार देने में जुट गई थीं। रणनीति भी यहीं थी कि दलित जाति के लिए आरक्षित सीट पर लोधी समाज ही विधायक का काम संभालेगा। इसे लेकर समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता एवं पूर्व मंत्री रामाधार सिंह लोधी व पूर्व मंत्री ध्रूराम लोधी युवा बिग्रेड के साथ साइकिल को दौड़ाने में जुटे रहे, लेकिन उन्हें जातीय समीकरणों के उलटफेर में तगड़ा झटका लग गया है। सोशल मीडिया में अपनी फोटो व वीडियो वायरल होने पर एसपी की प्रत्याशी चन्द्रवती वर्मा ने बुन्देलखंड के लोगों को अनपढ़ कहते हुए भला बुरा कहा था, जिससे उन्हें चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा।
इस बार के चुनाव में सबसे बड़ा फैक्टर भी दलित समाज के वोटों ने अखिलेश यादव को बुरी तरह से नकार दिया है, जबकि अखिलेश यादव ने यहां रैली कर बड़े-बड़े वादे भी किए थे। वहीं, बीजेपी के शीर्ष नेताओं के अलावा सीएम योगी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की रैली ने लोधी और दलित समाज के अंदर भरोसा बढ़ाने का काम किया है। पिछले चुनाव में बीजेपी की आंधी में कमल खिला था। पार्टी के खाते में 60.90 वोट आए थे। मनीषा अनुरागी ने पूरे बुन्देलखंड क्षेत्र में 104643 मतों से जीत दर्ज कराकर पहले पायदान पर रही थीं, लेकिन इस बार करीब 81979 मतों से ही इन्होंने दोबारा सीट पर वापसी की है।
निर्दलीयों के कारण बीजेपी के वोटों का गिरा ग्राफ
राठ सीट के लिए बीजेपी से मनीषा अनुरागी (मौजूदा विधायक), एसपी से चन्द्रवती वर्मा, बीएसपी से प्रसन्न भूषण व कांग्रेस से कमलेश श्रीवास के अलावा चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, जिन्होंने कुल 259108 मतों में 7243 मत झटके हैं। इसके अलावा 4268 मतदाताओं ने राजनीतिक दलों को नकारते हुए नोटा में वोट किया है। बीजेपी को 139373 मत मिले, जबकि एसपी को 77394, बीएसपी को 24266 मत व कांग्रेस को 5164 मत ही मिले हैं। अबकी बार बीजेपी को 53.79 फीसदी वोट मिले हैं। वहीं, एसपी को 29.87, बीएसपी को 9.37 और कांग्रेस के खाते में 1.90 फीसदी वोट आए हैं।
एक गांव में चुनाव बहिष्कार से बीजेपी को लगा झटका
राठ विधानसभा क्षेत्र के जिगंनी गांव में इस बार रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा देकर पूरे गांव के लोगों ने चुनाव बहिष्कार किया था। पोलिंग बूथों पर दिन भर सन्नाटा पसरा रहा। गांव के सभी लोग लाठी डंडे से लैस होकर गांव के बाहर नारेबाजी करते रहे, जिससे कोई भी अधिकारी व प्रत्याशी चुनाव प्रचार के दौरान घुस नहीं पाया था। इस गांव में सोलह सौ से अधिक मतदाता हैं, जिन्होंने पहली बार एकजुट होकर मतदान नहीं किया। इस कारण बीजेपी को इस गांव से तगड़ा झटका लगा है। इसके अलावा कई गांवों में मतदान भी कम प्रतिशत में होने से बीजेपी के वोटों का ग्राफ भी नीचे गिरा है।
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