ऊंची जगहों से बरसते लड्डू और इन्हें लपकने के लिए लालायित श्रद्धालु। अबीर-गुलाल के घुमड़ते सतरंगी बादल, रसिकों की वाणी का गुणगान करते समाजी, चारों ओर राधे-राधे की गूंज, समाजियों के साथ मस्ती में झूमकर नाचता पांडा कुछ ऐसा नजारा था बरसाना के विश्व प्रसिद्ध श्रीराधारानी (लाडली जी) मंदिर का।
बृहस्पतिवार को बरसाना के कोने-कोने में आस्था का ज्वार उमड़ रहा था। जिसे देखो, वही मंदिर की ओर बढ़ा चला जा रहा था। हर कोई लड्डू होली के अद्भुत दृश्य को अपनी आंखों निहारने को लालायित था। इस दौरान समाजियों द्वारा नंदगांव को पांडे ब्रज बरसाने आयो का गायन किया जा रहा था।
फाल्गुन सुदी अष्टमी की शाम को लाडली जी मंदिर का नजारा उल्लास और उमंग भर देने वाला रहा। शाम को मंदिर के पट खुलते ही गोस्वामी समाज ने समाज गायन प्रारंभ कर दिया।
नंदगांव से आए पांडा का पुजारी ने भानु बाबा की ओर से स्वागत किया। पांडा ने हर्ष से नृत्य किया। पुजारी और श्रद्धालुओं द्वारा लड्डुओं को दर्शकों के बीच लुटाया। श्रद्धालु प्रसाद रूपी लड्डुओं को पाने को लालायित दिखे। छोटे बड़े, अमीर-गरीब का भेद मिटाकर सबने समान भाव से लड्डू लूटे।
मंदिर में लगभग सवा घंटे तक चली इस लड्डू होली के दौरान टनों लड्डू लुटाए गए। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिसकर्मी भी तैनात रहे।
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