गाजियाबाद: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) पर अब एयर ऐम्बुलेंस की सुविधा शुरू किए जाने की तैयारी चल रही है। एनओसी लेने के लिए एनएचएआई ने एयरपोर्ट अथॉरिटी में आवेदन किया है। एनएचएआई का दावा है कि जल्द ही एनओसी मिल जाएगी। फिलहाल हमारी तरफ से डिडवारी के पास हैलिपैड बनाए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। 15 से 20 दिन के अंदर यह बन जाएगा। मई तक यहां से एयर ऐम्बुलेंस शुरू करने की योजना है।
इस एरिया को डिवेलप करने वाली कंपनी के अधिकारी अजय बंसल ने बताया कि हमारा हेलिकॉप्टर उपलब्ध करवाने वाली कंपनी के साथ टाइअप हो चुका है। यहां हर समय एक हेलिकॉप्टर होगा, जो किसी एक्सिडेंट या अन्य इमरजेंसी की स्थिति में मरीज या घायलों को एयरलिफ्ट करके अस्पताल पहुंचाएगा। उन्होंने बताया कि अभी इमरजेंसी में डीएमई से दिल्ली के अपोलो समेत अन्य बड़े अस्पताल में पहुंचने में डीएम1 घंटे से अधिक का समय लगता है, वहीं ऐम्बुलेंस होने पर अधिकतम दस मिनट में मरीज अस्पताल पहुंच जाएगा। एनएचएआई का दावा है कि यह पहला एक्सप्रेसवे होगा जिस पर एयर ऐम्बुलेंस की सुविधा होगी।
एक्सिडेंट में होगा काफी कारगर
अधिकारी बताते हैं कि कई बार एक्सिडेंट में मल्टीपल कैजुअल्टी हो जाती है, जिसमें कई लोगों को एकसाथ अस्पताल पहुंचाना बहुत जरूरी होता है। ऐसी स्थिति में एयर ऐम्बुलेंस काफी मददगार साबित हो सकती है। जिसमें एक साथ कई मरीजों को अस्पताल तक लेकर जाया जा सकता है।
इस एरिया के लोगों को मिलेगा फायदा
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर एयर ऐम्बुलेंस की सुविधा शुरू होने से गंभीर रूप से बीमार या एक्सिडेंट में घायल मरीज काफी कम समय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दूसरे जिलों और एनसीआर के किसी भी इलाके में जा सकेंगे। यदि मरीज को जरूरत पड़ी तो दिल्ली-एनसीआर के बाहर भी ले जाने के लिए इस एयर ऐम्बुलेंस का उपयोग किया जाएगा। वहीं इस ऐम्बुलेंस को बुक करके दूसरे शहरों के मरीजों को भी जरूरत पड़ने पर यहां लाया जा सकेगा. इससे घायलों और मरीजों की जान बचाने में काफी मदद मिलेगी।
देना होगा किराया
अधिकारी बताते हैं कि एयर ऐम्बुलेंस की सुविधा लेने वाले लोगों को इसके लिए किराये का भुगतान करना पड़ेगा। जल्द ही इसका किराया भी तय किया जाएगा। किराया दूरी के हिसाब से लिया जाएगा। एनएचएआई के साथ मीटिंग करके इसका किराया भी जल्द तय किया जाएगा। कोशिश होगी कि तीमारदार पर किराए का बहुत अधिक भार न आए।
अभी टायर पंचर ठीक करने का इंतजाम नहीं
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का उद्घाटन हो चुका है, लेकिन आलम यह है कि एक्सप्रेसवे के किनारे कहीं पर भी टायर पंक्चर ठीक करने की सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। यदि किसी का टायर पंक्चर हो जाए तो अभी परेशानी का सामना करना पड़ता है। फिलहाल एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेसवे पर पैट्रोलिंग करने वाली गाड़ियों की मदद से ऐसी स्थिति में पब्लिक को अभी सुविधा दिलाई जा रही है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के किनारे पेट्रोल पंप, सीएनजी पंप और इलेक्ट्रॉनिक वाहन के लिए अलग पंप बनाए जाएंगे। इसके अलावा रेस्टोरेंट और मिकैनिक वर्कशॉप भी खोली जाएंगी।
एयर ऐम्बुलेंस क्या है
घटनास्थल से या किसी एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जहां मरीज की जान बचाने के लिए अति-आवश्यक इलाज के लिए कम समय में ले जाना के लिए बुनियादी चिकित्सीय सुविधाओं से परिपूर्ण हवाई जहाज या हेलिकॉप्टर को एयर ऐम्बुलेंस कहा जाता है। अब आसान भाषा में समझें, तो एयर ऐम्बुलेंस वो हवाई जहाज या हेलिकॉप्टर होता है, जिसमें वो सभी सामान और सुविधाएं होती हैं, जो कि किसी इमरजेंसी स्थिति में समय रहते किसी मरीज की जान बचाने के लिए उसे एक स्थान या अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए जरूरी होता है। खासतौर पर, मरीज की गंभीर स्थिति में कम समय में ज्यादा लंबी दूरी तय करने और सड़क मार्ग पर होने वाली भीड़भाड़ से बचने के लिए एयर एंबुलेंस का उपयोग किया जाता है।
एयर ऐम्बुलेंस की सुविधा देने वाली कंपनी के साथ टाइअप
अरविंद कुमार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, डीएमई ने बताया कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर मई तक एयर ऐम्बुलेंस की सुविधा शुरू किए जाने की तैयारी चल रही है। यहां पर हैलिपैड बनाए जाने का काम कंपनी ने शुरू कर दिया है। एयर ऐम्बुलेंस की सुविधा देने वाली कंपनी के साथ टाइअप भी हो चुका है। इस सुविधा के शुरू होने पर एक्सिडेंट के मामले में घायलों की जान बचाने में काफी मददगार साबित होगा।
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