वाराणसी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) में इस बार निर्वाचन आयोग ने कुछ नई गाइड लाइन जारी की। इसमें दिव्यांग और 80 वर्ष से ज्यादा के बुजुर्गों को घर पर ही पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान कराए जाने का प्रावधान बनाया गया था। इसके तहत शनिवार को बनारस के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने दो दिवसीय मतदाता कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम में सबसे पहले वाराणसी के भेलूपुर में रहने वाली दिव्यांग 35 वर्षीय श्वेता का मतदान कराया गया।
35 वर्षीय श्वेता दिव्यांग है और वो बिस्तर से उठ भी नहीं सकती। ज़िंदगी में पहली बार वोट देने वाली श्वेता ने चुनाव आयोग की इस पहल की सराहना की। पहली बार पूरा सरकारी अमला श्वेता को वोट दिलाने के लिए भेलूपुर के आवास पर पहुंचा। जिला निर्वाचन की टीम को देख कर श्वेता के चेहरे पर जो खुशी थी वो देखते ही बन रही थी।
श्वेता ने जताई खुशी किया धन्यवाद , जीवन में पहली बार दिया अपना मत
वोट देने के बाद श्वेता के खुशी का ठीकाना नहीं था। उन्होंने कहा कि मैं आज बहुत खुश हूं क्योंकि पूरे जीवन में पहली बार मैंने वोट दिया है। आज से पहले कभी वोट नहीं दे पाई क्योंकि अपनी बीमारी और दिव्यांगता की वजह से पोलिंग बूथ पर नहीं जा सकती थी। इलेक्शन कमीशन इसके लिए बधाई का पात्र है। मुझे एनकरेज करने के लिए जिलाधिकारी और स्वीप आइकॉन नीलू मिश्रा आयीं थीं। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी तथा जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा को विशेष धन्यवाद दिया है।
1400 वोटरों के घर जाएगी निर्वाचन टीम
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी में सभी दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक वोटर जिन्होंने घर से मतदान करने के लिए फॉर्म 12 D भरा था उनकी वोटिंग आज से 2 दिन के लिए शुरू हो गई है। इस क्रम में सीनियर अधिकारी भी अलग-अलग जगह जाकर मतदान प्रक्रिया संपन्न करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग भी आज भेलूपुर स्थित दिव्यांग युवती श्वेता उर्फ आस्था के घर उनका वोट डलवाने के लिए आएं हैं, जो वोट देकर काफी खुश हैं। उन्होंने पहली बारे अपने मतदान का इस्तेमाल किया है। क्योंकि ये अपनी दिव्यांगता के कारण बूथ पर नहीं जा सकती थीं और अब घर बैठे उनकी पोलिंग हो रही है।
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75 वर्षों के इतिहास में यह व्यवस्था पहली बार की गयी है। इसी प्रकार दो दिन की पोलिंग में सभी लगभग 1400 वोटर्स को जिन्होंने घर पर वोट देने का ऑप्शन लिया है उन्हें अधिकारी घर-घर जाकर देखेंगे। उनका मनोबल बढ़ाएंगे और सारा पोलिंग प्रोसेस निष्पक्ष रूप से हो रहा है या नहीं इसका भी जायज़ा लेंगे।
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