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यूक्रेन में फंसे कानपुर के छात्रों की जुबानी: धमाकों से भगदड़, एटीएम खाली, बिजली भी जाने वाली…

यूक्रेन का डेनीप्रो शहर। गुरुवार सुबह के 5:40 बजे हैं। एक के बाद एक लगातार छह धमाके हुए हैं। छात्रावास से झांककर देखते हैं तो सड़क पर लोग भाग रहे हैं। सामने पेट्रोल पंप पर वाहनों की लंबी कतार है। लोग जल्दी से शहर छोड़ना चाहते हैं। छात्रावास प्रबंधन ने एडवाइजरी जारी की है।

अलर्ट किया है कि किसी भी वक्त बिजली और पानी बंद हो सकता है। अब खाने की दिक्कत हो रही है। एटीएम खाली हैं। अभी एक बच्चे को लिए महिला एटीएम में आई और पैसा न मिलने से मायूस होकर निकल गई। भारतीय दूतावास से फोन आया है।

छात्रों से कहा गया है कि यहां से निकलने के लिए तैयार रहें। घबराहट यह हो रही है कि अगर बिजली चली गई तो मोबाइल फोन की बैटरी डिस्चार्ज हो जाएगी। डेनीप्रो स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे शहर के छात्रों से  जब वहां का हाल पूछा तो यह तस्वीर पेश की।
यूनिवर्सिटी के छात्रावास में इस वक्त संयुक्त निदेशक शिक्षा कार्यालय कानपुर में प्रधान सहायक विवेक निगम के बेटे तुषार निगम, रनियां के विशाल श्रीवास्तव, बर्रा के दिव्यन तिवारी, पनकी के मृत्युंजय त्रिपाठी, फफूंद के हिमांशु पुरवार और हरदोई के अनुज पाल रह रहे हैं।

सब साथ हैं और वहां के हालत से थोड़ा घबराए हैं। छात्र बताते हैं कि भारतीय दूतावास से फोन आता है और खैरियत ली जाती है। इसके साथ ही स्थिति बिगड़ने पर यहां से निक लने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।
छात्रों ने बताया कि सुपर मार्केट में भी सामान नहीं बचा। खाने-पीने की चीजों की जरूरत पड़ी तो नहीं मिलेंगी। यहां शहर के लोगों को पहले से ही युद्ध की आशंका रही है तो जरूरत का सामान खरीदकर घर में रख लिया।

ज्यादातर लोग युद्ध प्रभावित क्षेत्रों से निकलकर सुरक्षित जगह जाने की व्यवस्था में लगे हैं। हमें उलझन इस बात की है कि अगर छात्रावास की बिजली कट गई तो फोन कैसे चार्ज करेंगे। फोन बंद होने पर सभी से संपर्क कट जाएगा। यहां छात्रावास में हम लोग सुरक्षित हैं लेकिन शहर में खौफ का माहौल है।
धमाकों से सहम जाते हैं। हम लोगों से कहा गया है कि खतरा होने पर बम शेल्टर में चले जाएं। बम शेल्टर तहखाना जैसी जगह है। हम लोगों के पास पैसे लगभग खत्म हैं और एटीएम से मिलेंगे नहीं। इससे खाने-पीने की परेशानी हो सकती है। कोशिश यह कर रहे हैं कि यहां से जल्दी से निकल जाएं। जो अपने यहां के छात्र यहां हैं, सब लोग साथ हैं।

बराबर खैरियत ले रहे हैं
यूक्रेन में मेडिकल छात्र तुषार निगम के पिता विवेक निगम ने बताया कि बच्चे से लगातार बात कर रहे हैं। फिक्र तो रहती ही है, लेकिन बच्चे को दिलासा देते हैं। भारतीय दूतावास बच्चों से संपर्क बनाए हुए है। आज बताया है कि बच्चों से तैयार रहने के लिए कहा गया है। अभी वहां ठीक हैं। इसके अलावा अन्य मेडिकल छात्रों के घरवाले भी उनसे बराबर खैरियत ले रहे हैं। सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि सभी बच्चों को सुरक्षित देश पहुंचवा दें। बच्चों के परिवारवाले और नाते-रिश्तेदार परेशान हैं।