वाराणसी: आजमगढ़ के अहरौला इलाके में जहरीली शराब पीने से सोमवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। वहीं, एक दर्जन से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें से कुछ की आंख की रोशनी चली गई है। डीएम अमृत त्रिपाठी ने पांच लोगों की मौत की पुष्टि की है। इन सभी लोगों ने गांव की सरकारी दुकान से खरीदकर देसी शराब पी थी। पुलिस ने दुकान को सील करके सेल्समैन को हिरासत में ले लिया है।
जानकारी के मुताबिक आजमगढ़ की फूलपुर तहसील के माहुल नगर पंचायत में देसी शराब की सरकारी दुकान है। इस दुकान से रविवार रात कई ग्रामीणों ने शराब खरीदकर पी। देर रात उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। परिवारीजनों ने इन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती करवाया, जहां सोमवार दोपहर तक एक-एक कर के 10 लोगों की मौत हो गई। अस्पतालों में भर्ती 15 लोगों की हालत गंभीर है। ग्रामीणों के मुताबिक जान गंवाने वालों में फेकू सोनकर (32), झब्बू (45), राम करन सोनकर (55), सतिराम (42), अच्छेलाल (40), विक्रमा बिंद (50), राम प्रीत यादव (55), बुद्धु (50) , पंचम (60) और एक अन्य शामिल हैं। इनमें से फेकू, अच्छेलाल, रामप्रति, विक्रमा और सतिराम के शवों का परिवारीजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया और पुलिस को इसकी सूचना भी नहीं दी। ऐसे में इनकी मौत की वजह को लेकर संशय की स्थिति है।
सड़क जाम कर प्रदर्शन
जहरीली शराब पीने से हुई मौतों से आक्रोशित ग्रामीणों ने माहुल कस्बे में सड़कर जाम कर प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत के कारण सरकारी ठेके से नकली शराब की बिक्री हो रही थी। सस्ती होने के कारण गांव वाले यह शराब खरीदते हैं। गाव वालों की मांग थी कि हादसे में मारे गए लोगों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए और ठेका बंद करवाया जाए। एसपी ग्रामीण और एसडीएम ने आश्वासन देकर प्रदर्शन समाप्त करवाया।
कुछ दिन पहले पकड़ा था गिरोह
आजमगढ़-अंबेडकरनगर की सीमा पर पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने कुछ दिन पहले नकली शराब बनाने वाले गिरोह के 13 सदस्यों को पकड़ा था। इनके पास से बड़ी मात्रा में रेक्टिफाइड स्प्रिट, प्रमुख शराब कंपनियों की शीशीयां और ढक्कन बरामद हुए थे। आरोपितों ने बताया था कि शराब की तीव्रता बढ़ाने के लिए यूरिया का प्रयोग करते और बाइक से गांव-गांव घूमकर शराब पहुंचाते थे।
पहले भी हुए हैं हादसे
उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से मौत होने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई मामले हो चुके हैं। मई 2021 में जिले के पवई इलाके में जहरीली शराब से 30 लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2017 में रौनापार इलाके के केवटहिया, जीयनपुर और अजमतगढ़ में जहरीली शराब के कारण 32 लोगों की जान गई थी।
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