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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तहत तीसरे चरण में रविवार को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान हुए। तीसरे चरण में कानपुर, कानपुर देहात, हमीरपुर, महोबा, जालौन, इटावा, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद में वोटिंग हुई। सभी जिलों में शांतिपूर्ण मतदान हुआ। जानिए किस जिले में कितने प्रतिशत मतदान हुआ…
फर्रुखाबाद में 62.85 प्रतिशत मतदान
विधानसभा चुनाव में रविवार को मतदाताओं ने अपने मताधिकार का बटन दबाकर 42 प्रत्याशियों की राजनीतिक किस्मत ईवीएम में कैद कर दी है। इस बार मतदाताओं के उत्साह से 62.85 फीसदी मतदान से जिला फर्स्ट डिवीजन पास हो गया। अब भाग्य का फैसला सुनने के लिए प्रत्याशियों को 18 दिन इंतजार करना होगा। जिले की चार विधानसभा सीटों पर 42 प्रत्याशी मैदान में हैं। करीब 13 लाख 99 हजार 649 मतदाताओं के लिए 990 मतदान केंद्रों पर 1629 मतदेय स्थल बनाए गए। रविवार सुबह सात बजे मतदान शुरू होते ही लोग उत्साह के साथ बूथ पर पहुंच गए। पहले दो घंटे में कुछ बूथों पर ही मतदाताओं की लाइनें लगीं। नौ बजे तक 9.61 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके बाद अधिकांश मतदान केंद्रों पर वोट डालने वालों की भीड़ बढ़ती गई। इससे सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक चार घंटे में सर्वाधिक करीब 32 प्रतिशत मतदान हो गया। इससे बूथों पर लाइनें लगी रहीं। एक बजे तक जिले में 41.24 प्रतिशत मतदान रिकार्ड किया गया। दोपहर बाद मतदान की रफ्तार घटने लगी। तीन बजे तक जिले में 50.90 प्रतिशत व पांच बजे तक 61.34 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकारी का प्रयोग किया। अंतिम दौर में शाम बजे तक कुल 62.85 प्रतिशत मतदान होने के साथ जिला फर्स्ट डिवीजन पास हो गया।
इत्र नगरी में 61.56 फीसदी मतदान
इस बार विधानसभा चुनाव में पिछली बार की तुलना में कम मतदान हुआ। जिला प्रशासन व विभिन्न संस्थाओं की ओर से जागरुकता के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे। इसके बावजूद मतदान 61.56 फीसदी रहा। 2017 के विधान सभा चुनाव में जिले का मतदान 63.32 फीसदी रहा था। इस बार मतदान का प्रतिशत 1.76 घट गया। अबकी बार 65 के पार नारे लगाए गए वोटरों को लुभाने के लिए 50 मॉडल बूथ बनाए गए। युवाओं को आकर्षित करने के लिए सेल्फी प्वाइंट बने। बुजुर्ग मतदाताओं के साथ आम वोटरों को सहूलियत देने के लिए मतदान केंद्रों के बगल में विश्राम केंद्र बनाए गए। इतनी सब तैयारियां करने के बावजूद हम पिछले चुनावों के प्रतिशत से आगे नहीं निकल सके। मतदान के बाद देर रात तक स्ट्रांग रूम में ईवीएम को जमा करने का दौर चलता रहा। अब 10 मार्च को इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। जिले की सदर विधानसभा क्षेत्र में आठ, तिर्वा क्षेत्र में 11 और छिबरामऊ में 13 प्रत्याशियों के लिए रविवार सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ। करीब 15 बूथों पर ईवीएम खराब होने से मतदान की रफ्तार धीमी थी, लेकिन 10 बजे के बाद मतदान ने गति पकड़ ली। शाम करीब सात बजे तक सदर में 61.44 फीसदी, छिबरामऊ में 60.58 और तिर्वा में सबसे अधिक 62.56 फीसदी मतदान हुआ। कुछ स्थानों पर छिटपुट घटनाएं भी हुई, सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस टीमों और अधिकारियों ने तत्काल मामला शांत कराया।
औरैया में 61.31 फीसदी मतदान
तीसरे चरण में जिले की तीन सीटों पर मतदान का उत्साह उफान पर रहा। सुबह सात से छह बजे तक तीनों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 61.31 फीसदी मतदान हुआ। यह 2017 के चुनाव की अपेक्षा एक फीसदी अधिक रहा। इसके साथ ही 33 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो गया। जीत का सेहरा किस सिर बंधेगा, यह 10 मार्च को तय होगा। तीनों विधानसभा क्षेत्रों के 855 मतदान केंद्रों पर 1281 बूथ बनाए गए थे। तीनों सीटों पर 11-11 प्रत्याशी मैदान में थे। मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए मॉडल, पिंक और दिव्यांग बूथ अतिरिक्त थे। बुलावा टोली भी लगाई गई। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कुछ जगहों से छिटपुट घटनाओं की सूचना मिलती रही, लेकिन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मुस्तैदी से सब कुछ शांति से निपटा। कई स्थानों पर ईवीएम में खराबी के चलते मतदान कुछ देर के लिए प्रभावित हुआ। जिला निर्वाचन अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि मतदान शांतिपूर्ण रहा। कहीं पर कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी निभाई है। 10 मार्च को मंडी परिसर में मतगणना कराई जाएगी।
इटावा में 61.69 फीसदी मतदान
इटावा जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में रविवार को 61.69 फीसदी मतदान हुआ। सबसे ज्यादा 64.19 प्रतिशत मतदान जसवंतनगर और सबसे कम इटावा में 60.04 फीसदी रहा। भरथना में 60.05 प्रतिशत मतदान हुआ। 26 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। इनके भाग्य का फैसला 10 मार्च को मतगणना के बाद सुनाया जाएगा। कुल 798 बूथों को सीधे वेबकास्टिंग से जोड़ा गया। इन बूथों की हर गतिविधि पर लखनऊ से लेकर जिला मुख्यालय तक के अधिकारियों की निगरानी रही। हर ब्लाक, नगर पालिका, नगर पंचायत में महिला सखी बूथ बनाए गए। पहली बार दिव्यांग और बुजुर्गों को सरकारी वाहन से मतदान केंद्र तक लाने की व्यवस्था की गई। डीएम श्रुति सिंह और एसएसपी जयप्रकाश सिंह निरीक्षण कर पल-पल की खबर लेते रहे।
उरई में 59.96 प्रतिशत हुआ मतदान
जिला प्रशासन के काफी प्रयासों के बाद जिला विधानसभा चुनाव के मतदान में एक कदम चूक गया। रविवार को सुबह से शाम तक वोट तो बरसे पर जिले में शाम छह बजे तक सिर्फ 56.96 प्रतिशत ही मतदान हो सका। हालांकि प्रशासन का दावा है कि दिव्यांग और बुजुर्गों के बैलेट पेपर से पड़े वोटों की संख्या के बाद आंकड़ा 60 प्रतिशत को छू जाएगा। रविवार को तीसरे चरण का चुनाव जिले में शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हुआ। तीनों विधानसभाओं के शहरी क्षेत्रों में सुबह से बूथों पर भीड़ लगने लगी थी। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में आठ बजे के बाद भीड़ बढ़ने से मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद थी। सुबह नौ बजे से लगातार मतदान प्रतिशत बढ़ने के बावजूद शाम को फर्स्ट डिवीजन एक कदम से चूक गई। तीनों विधानसभाओं में शाम तक 59.96 प्रतिशत मतदान हुआ। इसमें आगे उरई के मतदाता रहे। यहां 61.1 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं सबसे पीछे माधौगढ़ का बीहड़ क्षेत्र रहा। यहां सिर्फ 57.89 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। उधर, कालपी में 60.9 प्रतिशत मतदान हुआ। 2017 के विधानसभा चुनाव में 60.40 प्रतिशत मतदान हुआ था।
हमीरपुर में 64.73 फीसदी रहा मतदान
हमीरपुर जिले की दोनों विधानसभाओं के लिए निर्धारित सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ। सभी वर्ग के लोग मतदान का हिस्सा बने और बढ़ चढ़कर मतदान कर लोकतंत्र को मजबूत करने का कार्य किया। धीमी रफ्तार से शुरू हुए मतदान ने करीब दो घंटे बाद तेजी पकड़ी। जिले में कुल फीसदी मत पड़ चुके थे। शांतिपूर्ण मतदान को लेकर मंडलायुक्त दिनेश सिंह, आईजी एसके भगत, जिला निर्वाचन अधिकारी डा. चंद्रभूषण व एसपी कमलेश दीक्षित सहित अधिकारी दिनभर मतदान केंद्रों पर राउंड करते रहे। अधिकारी मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए लोगों को प्रेरित करते दिखे। लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदान से कोई वंचित न रहे। मंडलायुक्त दिनेश सिंह ने मतदाताओं से बात कर मतदान के लिए लोगों को प्रेरित किया। वहीं आईजी एसके भगत सिंह ने सुमेरपुर कस्बे के बूथों का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। गलत सलामी देने वाले पुलिस कर्मी को तौर तरीके सिखाए। डीएम चंद्रभूषण ने शहर के विद्यामंदिर इंटर कालेज में बने मतदान केंद्र में मतदान कर लोगों को अधिक से अधिक मतदान को प्रेरित किया। एसपी कमलेश दीक्षित ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को मतदान के लिए जागरूक कर लंच पैकेट बांटतेे रहे। प्रेक्षक मनीराम शर्मा ने मौदहा के गांधी इंटर कालेज में बने मतदान केंद्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। ईवीएम व वीवी पैट मशीन खराब होने की सूचना पर बिना देरी पहुंचे अधिकारियों ने मतदान चालू कराया। मतदान को लेकर वोटरों में खासा उत्साह देखने को मिला। जिले में कुल 810109 मतदाता हैं। जिसमें 64.35 फीसद ने मतदान किया। दोनों सीटों पर कुल 17 प्रत्याशियों के भाग्य पिटारा ईवीएम में बंद हो गया।
महोबा में 64.57 फीसदी हुआ मतदान
महोबा जिले की महोबा सदर व चरखारी सीट के लिए रविवार को हुआ मतदान छुटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण रहा। जिले में 64.57 फीसदी मतदान हुआ। चरखारी विधानसभा के गरोड़ा में सड़क व पुल की मांग को लेकर और बसरिया में फसल बीमा के मुआवजे के लिए ग्रामीण वोट डालने नहीं पहुंचे। अफसरों के आश्वासन के बाद दोनों स्थानों पर तीन घंटे बाद सुबह 10 बजे मतदान शुरु हो सका। ईवीएम की फोटो खींचकर सोशल मीडिया में अपलोड किए जाने पर रिटर्निंग ऑफीसर ने अज्ञात युवक के खिलाफ कोतवाली कुलपहाड़ में मामला दर्ज कराया। जिले के 787 बूथों पर सुबह सात बजे से मतदान शुरु हुआ। कई बूथों पर मॉकपोल में समस्या आई। तमौरा व कनकुआं में ईवीएम में खराबी आने के चलते एक घंटे देरी से मतदान शुरु हुआ। प्रेक्षक टीएस राजशेखर, जिला निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार, पुलिस अधीक्षक सुधा सिंह बूथों का भ्रमण कर पल-पल की गतिविधियों का जायजा लेते रहे। विधानसभा चरखारी के गड़ोरा में गांव को जोड़ने वाले पुल का निर्माण न कराए जाने पर ग्रामीण लामबंद हो गए और बूथों पर वोट डालने नहीं पहुंचे। इसी तरह बसरिया के ग्रामीणों ने ओलावृष्टि से बर्बाद फसल की क्षतिपूर्ति न मिलने पर मतदान से इंकार कर दिया। सूचना पर एसडीएम कुलपहाड़ स्वेता पांडेय, सीओ उमेशचंद्र ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया। आश्वासन के बाद ग्रामीण माने। जिससे तीन घंटे बाद दस बजे मतदान शुरु हो सका। बूथों पर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए।
विधानसभा महोबा के बूथ संख्या 90 पर बीएलओ के बीजेपी के चुनाव चिन्ह वाली टोपी और गमछा पहनकर पोलिंग बूथ के पास बैठने का ट्वीट समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल से किया गया। जिसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन मामला सही नहीं मिला और कोई बीएलओ किसी पार्टी का गमछा व टोपी लगाए नहीं पाया गया। कुछ बूथों पर मतदाताओं के नाम सूची से गायब होने पर लोगों ने नाराजगी जताई।
कानपुर देहात में 62.34 प्रतिशत मतदान
कानपुर देहात के अकबरपुर-रनियां विधानसभा सीट पर इस बार 62.34 प्रतिशत मतदान हुआ है। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भी इस सीट पर वोटों का ध्रुवीकरण दिखा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा व सपा यहां आमने सामने थी। यही स्थिति एक बार फिर इस बार के चुनाव में बनी है। यहां भाजपा की प्रतिभा शुक्ला व सपा के डॉ. राम प्रकाश कुशवाहा आमने सामने हैं। 2012 के चुनाव में सपा प्रत्याशी रामस्वरूप सिंह गौर ने बसपा से चुनावी मैदान में रहीं प्रतिभा शुक्ला को मात दी थी। जिसके बाद 2017 के चुनाव में भाजपा की प्रतिभा शुक्ला ने सपा से पूर्व विधायक रामस्वरूप सिंह गौर के नाती नीरज सिंह गौर को मात दी थी। वहीं बसपा से डॉ. सतीश शुक्ला तीसरे नंबर पर रहे थे। जो अब भाजपा में हैं।
कानपुर में 57.08 फीसदी हुआ मतदान
जिला प्रशासन, सामाजिक संस्थाओं के तमाम अभियान और शैक्षणिक संस्थानों के छोटे-छोटे बच्चों के प्रयास भी जिले के सोए मतदाताओं को नहीं जगा पाए। ऐसे लापरवाह मतदाताओं की वजह से एक बार शहर फिर फिसड्डी साबित हुआ। इस बार तो पिछली बार से भी कुछ कम 57.08 प्रतिशत मतदान हुआ है। 2017 के विधानसभा चुनाव में 57.26 प्रतिशत मतदान हुआ था। एक-दो जगह हुईं छिटपुट नोकझोंक छोड़ दें तो जिले में मतदान शांतिपूर्ण हुआ। कुछ केंद्रों से ईवीएम और वीवीपैट खराब होने की सूचना भी आई। इस वजह से कुछ देर मतदान प्रभावित भी हुआ। बिल्हौर में सबसे ज्यादा 63.03 फीसदी मतदान हुआ, जबकि सबसे कम 51 फीसदी वोटिंग आर्यनगर में हुई। तीसरे चरण में शामिल जिले की दस विधानसभा सीटों पर सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ, जो शाम छह बजे तक होना था। हालांकि छह बजे तक अंदर प्रवेश कर चुके मतदाताओं को वोट डालने का मौका दिया गया। इसके चलते कई मतदान केंद्रों में शाम साढ़े छह बजे तक मतदान हुआ। पीठासीन अधिकारियों ने घाटमपुर के एक, बिल्हौर के दो और बिठूर के दो मतदान केंद्रों पर देर तक मतदान कराया। घाटमपुर वाले मतदान केंद्र पर रात करीब पौने आठ बजे तक मतदान हुआ। उधर, 54 वीवीपैट, 46 सीयू, 45 बीयू को खराबी होने पर बदला गया।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तहत तीसरे चरण में रविवार को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान हुए। तीसरे चरण में कानपुर, कानपुर देहात, हमीरपुर, महोबा, जालौन, इटावा, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद में वोटिंग हुई। सभी जिलों में शांतिपूर्ण मतदान हुआ। जानिए किस जिले में कितने प्रतिशत मतदान हुआ…
फर्रुखाबाद में 62.85 प्रतिशत मतदान
विधानसभा चुनाव में रविवार को मतदाताओं ने अपने मताधिकार का बटन दबाकर 42 प्रत्याशियों की राजनीतिक किस्मत ईवीएम में कैद कर दी है। इस बार मतदाताओं के उत्साह से 62.85 फीसदी मतदान से जिला फर्स्ट डिवीजन पास हो गया। अब भाग्य का फैसला सुनने के लिए प्रत्याशियों को 18 दिन इंतजार करना होगा। जिले की चार विधानसभा सीटों पर 42 प्रत्याशी मैदान में हैं। करीब 13 लाख 99 हजार 649 मतदाताओं के लिए 990 मतदान केंद्रों पर 1629 मतदेय स्थल बनाए गए। रविवार सुबह सात बजे मतदान शुरू होते ही लोग उत्साह के साथ बूथ पर पहुंच गए। पहले दो घंटे में कुछ बूथों पर ही मतदाताओं की लाइनें लगीं। नौ बजे तक 9.61 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके बाद अधिकांश मतदान केंद्रों पर वोट डालने वालों की भीड़ बढ़ती गई। इससे सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक चार घंटे में सर्वाधिक करीब 32 प्रतिशत मतदान हो गया। इससे बूथों पर लाइनें लगी रहीं। एक बजे तक जिले में 41.24 प्रतिशत मतदान रिकार्ड किया गया। दोपहर बाद मतदान की रफ्तार घटने लगी। तीन बजे तक जिले में 50.90 प्रतिशत व पांच बजे तक 61.34 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकारी का प्रयोग किया। अंतिम दौर में शाम बजे तक कुल 62.85 प्रतिशत मतदान होने के साथ जिला फर्स्ट डिवीजन पास हो गया।
इत्र नगरी में 61.56 फीसदी मतदान
इस बार विधानसभा चुनाव में पिछली बार की तुलना में कम मतदान हुआ। जिला प्रशासन व विभिन्न संस्थाओं की ओर से जागरुकता के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे। इसके बावजूद मतदान 61.56 फीसदी रहा। 2017 के विधान सभा चुनाव में जिले का मतदान 63.32 फीसदी रहा था। इस बार मतदान का प्रतिशत 1.76 घट गया। अबकी बार 65 के पार नारे लगाए गए वोटरों को लुभाने के लिए 50 मॉडल बूथ बनाए गए। युवाओं को आकर्षित करने के लिए सेल्फी प्वाइंट बने। बुजुर्ग मतदाताओं के साथ आम वोटरों को सहूलियत देने के लिए मतदान केंद्रों के बगल में विश्राम केंद्र बनाए गए। इतनी सब तैयारियां करने के बावजूद हम पिछले चुनावों के प्रतिशत से आगे नहीं निकल सके। मतदान के बाद देर रात तक स्ट्रांग रूम में ईवीएम को जमा करने का दौर चलता रहा। अब 10 मार्च को इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। जिले की सदर विधानसभा क्षेत्र में आठ, तिर्वा क्षेत्र में 11 और छिबरामऊ में 13 प्रत्याशियों के लिए रविवार सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ। करीब 15 बूथों पर ईवीएम खराब होने से मतदान की रफ्तार धीमी थी, लेकिन 10 बजे के बाद मतदान ने गति पकड़ ली। शाम करीब सात बजे तक सदर में 61.44 फीसदी, छिबरामऊ में 60.58 और तिर्वा में सबसे अधिक 62.56 फीसदी मतदान हुआ। कुछ स्थानों पर छिटपुट घटनाएं भी हुई, सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस टीमों और अधिकारियों ने तत्काल मामला शांत कराया।
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