रफ्तार के बादशाह के नाम से मशहूर आगरा के कार्टिंग और कार रेसर शहान अली मोहसिन ने चेन्नई में कमाल किया है। भारतीय राष्ट्रीय कार रेसिंग चैंपियनशिप के चौथे और आखिरी राउंड में शहान ने अपना शानदार प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए एमआरएफ फार्मूला 1600 का खिताब अपने नाम कर लिया है। उन्होंने रोमांचक मुकाबले में यह जीत दर्ज की है। आखिरी राउंड की शुरुआत में शहान अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बेंगलुरु के चिराग घोरपड़े से 13 अंक पीछे थे। वह दूसरे राउंड में गियर बॉक्स की खराबी और टायर पंक्चर की वजह से पिछड़ गए थे। इस राउंड में शहान का लक्ष्य सिर्फ चिराग को पीछे रखना था और बिना कोई रिस्क लिए तीन रेस पूरी करना था। क्वलीफाइंग राउंड में शहान ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि चिराग घोरपड़े ने चौथा। पहली रेस में शहान ने चिराग को पीछे रखते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया और 13 अंकों की दूरी को 10 अंकों पर ले आए।
दूसरी रेस रिवर्स ऑर्डर की होने के वजह से शहान ने सातवें स्थान से और चिराग ने छठे स्थान से शुरू की। शहान ने चिराग को ओवरटेक करके शानदार रेस करते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबके चिराग ने सातवां स्थान प्राप्त किया। इस शानदार प्रदर्शन से शहान ने चैंपियनशिप में दो अंकों की बढ़त ले ली। तीसरी रेस में चैंपियनशिप रोमांचक दौर में थी। शहान या चिराग में से जो भी आगे रहता वो ही राष्ट्रीय चैंपियन बनता।
शहान में रेस के पांचवे लैप में शानदार तरीके से चिराग को ओवरटेक किया। उसके बाद डिफेंडिंग करके उसको आगे निकलने नहीं दिया। बेंगलुरु के रिशोन राजीव रेस में पहले स्थान पर थे, लेकिन शहान का लक्ष्य सिर्फ चिराग को पीछे रखना था। क्योंकि चैंपियनशिप अंकों में रिशोन राजीव बहुत पीछे थे। शहान ने तीसरी रेस में दूसरा स्थान प्राप्त किया, मगर यह काफी था उनको चैंपियन बनाने के लिए।
शहान 194 अंकों के साथ राष्ट्रीय चैंपियन बने और बेंगलुरु के चिराग घोरपड़े 189 अंक प्राप्त करके दूसरे स्थान पर रहे। बेंगलुरु के ही रिशोन राजीव तीसरे स्थान पर रहे। शहान अली इससे पहले चार बार राष्ट्रीय कार्टिंग चैंपियन और एक बार एशियन कार्टिंग चैंपियन रह चुके हैं । शहान नौ साल से प्रोफेशनल रेसिंग कर रहे हैं। उन्होंने आठ साल की उम्र से यह सफर शुरू किया था।
राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतने के बाद शहान अली ने कहा कि यह मेरे लिए एक यादगार पल हैं। मैंने पहले चार राष्ट्रीय और एक एशियन चैंपियनशिप जीती हैं। राष्ट्रीय कार रेसिंग की पहली चैंपियनशिप है। बहुत कांटे की टक्कर थी। पहले सात ड्राइवर सिर्फ एक सेकंड के अंतर थे और पहले तीन ड्राइवर तो सिर्फ एक सेकंड के दसवें हिस्से में थे। इसलिए सही रणनीति बनाना बहुत जरूरी थी। कब अटैकिंग और कब डिफेंडिंग करना है। रिस्क लेना भारी पड़ सकता था। संयम बहुत बहुत जरूरी था। एक-एक पल रोमांचक था।
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