मुरादाबाद शहर में जब डॉट कॉम की टीम पहुंची तो चुनावी माहौल में सरोबार मतदाताओं ने कई खुलासे कर दिए। स्थानीय विधायक को लोगों ने देखा नहीं, तो दूसरी ओर प्रियंका गांधी की ससुराल होने के बावजूद मुरादाबाद में लोगों ने कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त होने की बात कह डाली। गुरुद्वारा हैलेट रोड पर डॉ. एके सोती, डॉक्टर अमित चौहान, सुरेश चंद गुप्ता व सुरेंद्र सिंह ने कहा, अरे प्रियंका को कोई नहीं पूछ रहा। मुख्य शहर के एक हिस्से में रोड शो करने से क्या होगा। सपा और रालोद, गठबंधन भी कुछ नहीं है। ये सिद्धांतों का गठबंधन नहीं है। ‘बबुआ और बुआ’ के गठबंधन का क्या हुआ, देखा था। रेलवे स्टेशन पर बैठे कुलियों का मन टटोला गया, तो नई बात निकलकर सामने आई। कुली बोले, स्टेशन की लिफ्ट, लोगों के ट्रॉली बैग व एस्केलेटर की सुविधा, पेट पर भारी पड़ने लगी है। इन सबके चलते यात्रियों को अब कुली की जरूरत ही नहीं रही।
दम था तो पंजाब से भी अपराधियों को ले आए योगी
भाजपा ने सुरक्षा पर अच्छा कार्य किया है। मुरादाबाद के लोगों को यह लगता है कि उत्तर प्रदेश में पांच साल में सुरक्षा का जो वातारण मिला है, वह सबसे सही काम हुआ है। जाति भी तभी रहेगी, जब सुरक्षा रहेगी। माफिया तो सलाखों के पीछे है। कांग्रेस की पंजाब सरकार ने अपराधियों को यूपी भेजने से इंकार कर दिया था। डॉ. एके सोती, डॉक्टर अमित चौहान, सुरेश चंद गुप्ता व सुरेंद्र सिंह ने कहा, विकास को लेकर कई तरह के मुद्दे मौजूद हैं। प्रियंका गांधी के रोड शो और स्थिति को लेकर इन सुरेश चंद्र गुप्ता और डॉ. एके सोती बताते हैं कि कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं है। गठबंधन होता है दूसरी पार्टी को हराने के लिए। यह अवसरवादिता है। ये सिद्धांतों का गठबंधन नहीं है। पीतल नगरी को लेकर मुकुल अग्रवाल कहते हैं, औद्योगिक विकास अच्छा है। रेट बढ़ा है तो एक्सपोर्ट भी बढ़ा है। मुरादाबाद में कारीगर बढ़िया होते हैं।
जनता बदलाव चाहती है, जमीन पर काम नहीं हुआ है
लोग बदलाव चाहते हैं। विकास हुआ, मगर कागजों पर। लोगों ने कहा, न अच्छे अस्पताल हैं, न ही शिक्षा का कोई अहम सेंटर। सपा रालोद गठबंधन को फायदा मिलेगा। आखिर में चुनाव जातिवाद पर ही जाएगा। विनय राजपूत और सिराज अहमद का कहना था, विकास हुआ है। लोगों को दो वक्त का भोजन मिल रहा है। ढाई लाख रुपये मिले, मकान मिल गया, और क्या चाहिए। मुरादाबाद में अधिकांश व्यापारी लोगों का मानना है कि जुगाड़बाजी चल रही है। कई दूसरी सीटों की तरह, मुरादाबाद में भी चुनाव को लेकर लोग आपस में बंटे नजर आए। मुस्लिम वोटरों का झुकाव गठबंधन की तरफ नजर आया।
कुलियों के पास काम नहीं, नहीं निकली ‘ग्रुप डी’ की भर्ती
वर्ष 2008 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने कुलियों को रेलवे में ग्रुप-डी के पदों पर नौकरी देने की बात कही थी। योजना पर काम भी शुरू हो गया था। किसी तरह से भर्ती के दो चरण तो पूरे हो गए, लेकिन उसके बाद मामला लटक गया। इस बाबत कुलियों ने 2018 को दिल्ली में संसद भवन तक रैली निकाली थी। रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर बैठे कुली कुदरत अली, प्रह्लाद सिंह, जसबीर सिंह, मुन्नाजिर राम प्रसाद, उस्मान, राजकुमार और स्वराज सिंह बताते हैं, आज तो ‘लिफ्ट, ट्रॉली बैग व एस्केलेटर की सुविधा ने हमारा काम चौपट कर दिया है। रेलिंग पुल बन गए हैं। प्लेटफॉर्म समतल हो रहे हैं। सहूलियत मिली तो लोग अपना सामान खुद ही ले जाते हैं। बहुत से कुली तो इसी उम्मीद में हैं कि भर्ती आएगी। मौजूदा हालत में कुलियों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।
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